Education budget 2022: वित्त मंत्री के इस बजट में एग्रीकल्चर स्टडी पर फोकस, बदलेगा कृषि विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम
Education budget 2022 इसके अनुसार मंत्री ने घोषणा की है कि कृषि विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम बदला जाएगा। बता दें कि मोदी सरकार के नेत्तृव में पेश होने वाले इस बजट में एग्रीकल्चर फील्ड पर भी बराबरी से ध्यान दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। Education budget 2022: देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) इस वक्त बजट पेश कर रही हैं। इसके तहत, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के लिए अहम ऐलान किए हैं, जैसे रोजगार के क्षेत्र में मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां पैदा की जाएंगी। वहीं अब ताजा अपडेट के अनुसार, वित्त मंत्री के इस बजट में एग्रीकल्चर स्टडी पर फोकस किया जा रहा है। इसके अनुसार मंत्री ने घोषणा की है कि कृषि विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम बदला जाएगा। राज्यों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा, ताकि खेती की लागत को कम किया जा सके। इसके साथ ही कृषि स्टार्टअप को NABARD से फंड दिया जाएगा। बता दें कि मोदी सरकार के नेत्तृव में पेश होने वाले इस बजट में एग्रीकल्चर फील्ड पर भी बराबरी से ध्यान दिया गया है।
वित्त मंत्री ने इस बार के बजट में शिक्षा के क्षेत्र के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण स्कूल बंद होने की वजह से हमारे बच्चों खासकर उन बच्चों को, जो इस देश के ग्रामीण और पिछड़े वर्ग से आते हैं को कोविड के दौरान काफी समस्या हुई है। बच्चों ने अपनी स्कूली शिक्षा के दो साल घर में ही बिता दिये हैं। इस दिशा में भी प्रयास किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा हम शिक्षकों को भी बेहतर डिजिटल टूल उपलब्ध करायेंगे, जिससे वह छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ाई करा सकें। इसके अलावा, स्किल डेवलेपमेंट के लिए डिजिटल इकोसिस्टम लॉन्च किया जाएगा जिसका उद्देश्य ऑनलाइन ट्रेनिंग के माध्यम से नागरिकों को स्किल, रीस्किल और अपस्क्लि प्रदान करना होगा।
इतना ही नहीं डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का भी ऐलान किया गया है, जिसमें आईएसटीई स्टेंडर्ड के अनुसार विश्व स्तर की गुणवत्ता वाली एजुकेशन प्रदान की जाएगी। वहीं वित्त मंत्री ने डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई विद्या के 'वन क्लास, वन टीवी चैनल' कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।