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Economic Survey: कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा, हमने छू लिया है निचला स्तर, अब आएगी तेजी

Economic Survey LIVE साल 2019 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में भी गिरावट देखी जा रही है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 02:31 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 03:22 PM (IST)
Economic Survey: कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा, हमने छू लिया है निचला स्तर, अब आएगी तेजी
Economic Survey: कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा, हमने छू लिया है निचला स्तर, अब आएगी तेजी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एक फरवरी को आम बजट पेश होने से पहले आज शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश का इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश कर दिया गया है। यह इकोनॉमिक सर्वे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली टीम ने तैयार किया है। सर्वे पेश होने के बाद सुब्रमण्यम प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे हैं। अपने संबोधन में सुब्रमण्यम ने जॉब पैदा करने का एक चीनी फॉर्मूला भी दिया। आइए जानते हें सुब्रमण्यम की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें क्या हैं।

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- मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रमण्यम ने कहा, 'साल 2019 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में भी गिरावट देखी जा रही है। देशों के सभी समूहों की अर्थव्यवस्था में साल 2014-15 की तुलना में 2019 में गिरावट देखी गई है।'

-CEA सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत मामूली होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं नहीं सोचता कि इस वजह से अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ेगा।'

-हम निर्यात पर फोकस करके साल 2025 तक चार करोड़ जॉब्स और साल 2030 तक आठ करोड़ जॉब्स पैदा कर सकते हैं।

-साल 2024-25 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को इस दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1.4 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता है, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में बाधा ना बन सके।

-ईज ऑफ डूइंग बिजनेज रैंकिंग में टॉप 50 में जगह पाने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अपनी योजना प्रस्तुत की है।

-सीईए ने कहा, 'ऐसा लगता है कि हमने एक गर्त को छू लिया है (व्यापार चक्र में) और अब हम बढ़त देखेंगे।'

-खाद्य फसलों की जमाखोरी और भंडारण के बीच भेद लाने की आवश्यकता है, यह किसानों की आय को दोगुना करने में अहम रोल अदा करेगा।

-पिछले कुछ सालों में सेंसक्स की संरचना में बदलाव से पता चलता है कि व्यापार-समर्थक नीतियां हमें मौके देती हैं।

-अगर विलफुल डिफॉल्टरों ने पैसे लौटा दिए होते, तो हम सामाजिक क्षेत्रों पर लगभग दोगुनी राशि खर्च कर सकते थे

-साल 2013 के बाद से निवेश में गिरावट के कारण 2017 से आर्थिक सुस्ती की शुरुआत हुई।

-उद्यमियों द्वारा वेल्थ क्रिएटर्स के विश्लेषण से मालूम होता है कि वेल्थ क्रिएशन से सभी को लाभ होता है।

-इस बार के इकोनॉमिक सर्वे की थीम वेल्थ क्रिएशन रखी गई है।

-क्रेडिट में गिरावट से निवेश पर असर पड़ा और निवेश में गिरावट का असर जीडीपी ग्रोथ पर पड़ा है।


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