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Budget 2022: ट्रैवेल-टूरिज्म सेक्टर को मिल सकती है लोन मोरेटोरियम की सुविधा

कन्फर्म टिकट के सह-संस्थापक और सीईओ दिनेश कुमार कोठा कहते हैं कि कोरोना महामारी में इस उद्योग को सबसे अधिक मार पड़ी है। इसलिए बजट में हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार इस सेक्टर को फिर से मजबूती देने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:38 AM (IST)
Budget 2022: ट्रैवेल-टूरिज्म सेक्टर को मिल सकती है लोन मोरेटोरियम की सुविधा
Budget 2022 travel tourism sector may get the facility of loan moratorium

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना काल से पहले वर्ष 2019 में देश की जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले ट्रैवल व टूरिज्म सेक्टर के लिए आगामी बजट में लोन मोरेटोरियम की सुविधा मिल सकती है। वहीं, इन सेक्टर के लिए विशेष लोन की भी घोषणा के संकेत हंै। वित्त वर्ष 2019-20 में अकेले टूरिज्म सेक्टर में 3.9 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ था। लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी और अब तीसरी लहर की वजह से ट्रैवल व टूरिज्म उद्योग का कारोबार अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। देश के सर्विस सेक्टर में टूर-ट्रैवल, होटल व रेस्टोरेंट्स का खासा योगदान है और इन सबका कारोबार एक-दूसरे से जुड़ा है।

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हाल ही में बैंकर्स के साथ बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से सर्विस सेक्टर का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा था। वैसे अब टूर-ट्रैवल्स, होटल इन सभी को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम में शामिल कर दिया गया है और ये पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले लोन ले सकते हैं। इस स्कीम की समय सीमा आगामी 31 मार्च को समाप्त हो रही जिसे बढ़ाने की घोषणा बजट में की जा सकती है। बजट में इन सेक्टर के लिए अलग से लोन का फंड भी बनाया जा सकता है और इन्हें कम ब्याज पर पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाला लोन दिया जा सकता है ताकि ये अपने कारोबार को फिर से खड़ा कर सके। दूसरी लहर के समाप्त होने के बाद पिछले साल अक्टूबर से टूरिज्म व होटल के कारोबार ने रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन तीसरी लहर में कई राज्यों में पाबंदियों की वजह से एक बार फिर से टूरिज्म व होटल इंडस्ट्री दिक्कत में हैं।

इसलिए बजट में उन्हें अपने लोन को चुकता करने का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है।फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचएआरएआइ) ने वित्त मंत्रालय से सरकारी गारंटी वाली परिचालन पूंजी देने की मांग की है और हो सकता है बजट में उनकी यह मांग सरकार मान ले। फेडरेशन के अनुसार कोरोना की लगातार पड़ रही मार से होटल व रेस्टोरेंट वालों के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पूंजी नहीं है। होटल व रेस्टोरेंट की अन्य एसोसिएशन ने घरेलू यात्रा पर खर्च होने वाली राशि पर आयकर से छूट देने की भी मांग की है ताकि कोरोना काल के बाद टूरिज्म सेक्टर को प्रोत्साहन मिल सके।

सूत्रों के मुताबिक सरकार का मानना है कि कोरोना की लहर का अंत होते ही लोग फिर से बड़ी संख्या में घूमने-फिरने निकलेंगे और तब होटल व टूरिज्म को इस समय हो रहे नुकसान के बड़े हिस्से की भरपाई हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकार अधिक से अधिक देशों के लिए वीजा आन अराइवल की सुविधा दे सकती है। कन्फर्म टिकट के सह-संस्थापक और सीईओ दिनेश कुमार कोठा कहते हैं कि कोरोना महामारी में इस उद्योग को सबसे अधिक मार पड़ी है। इसलिए बजट में हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार इस सेक्टर को फिर से मजबूती देने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी।


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