बजट 2022 में कौशल विकास पर जोर, देश में स्थापित की जाएंगी 750 वर्चुअल और 75 स्किलिंग ई-लैब, जानें क्या हैं प्रविधान
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश किया जिसमें कौशल विकास पर जोर दिया गया है। जानें इस क्षेत्र में क्या किए गए हैं प्रविधान...
नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश किया। उन्होंने एलान किया कि कौशल विकास कार्यक्रमों को उद्योग की साझेदारी के साथ निरंतर बढ़ावा देने के लिए फिर से तैयार किया जाएगा। राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे को गतिशील उद्योग की जरूरतों के साथ जोड़ा जाएगा। इसके लिए देश में 750 वर्चुअल लैब और 75 स्किलिंग ई-लैब स्थापित की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि कौशल और आजीविका के लिए एक डिजिटल 'देश स्टैक ईपोर्टल' (DESH-Stack eportal) लान्च किया जाएगा।
'देश स्टैक ईपोर्टल' (DESH-Stack eportal) पोर्टल को स्थापित करने का युवाओं को आनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से हुनरमंद बनाना है। इस पहलकदमी से नौकरियों और उद्यमशीलता के अवसरों को खोजने में मदद मिलेगी। साथ ही इसके जरिए एपीआई-आधारित विश्वसनीय कौशल प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने एलान किया कि विभिन्न तकनीक के माध्यम से ड्रोन शक्ति का सकारात्मक इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए सभी राज्यों में चुनिंदा आईटीआई में ड्रोन-ए-ए-सर्विस (डीएएएस) स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि देश भर के छात्रों के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इसे विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी प्रारूपों में लाया जाएगा। डिजिटल विश्वविद्यालय एक नेटवर्क हब-स्पोक माडल पर आधारित होगा। इस काम में देश के सर्वश्रेष्ठ सरकारी विश्वविद्यालय और संस्थान हब-स्पोक के नेटवर्क के रूप में मदद उपलब्ध कराएंगे। वित्त मंत्री ने यह भी एलान किया कि विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को जीआईएफटी शहरों में अपने पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वर्ष 2022-23 में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाओं और 75 स्किलिंग ई-लैब्स की स्थापना से महत्वपूर्ण चिंतन कौशल को बढ़ावा देने और रचनात्मकता को स्थान देने में मदद मिलेगी। यही नहीं इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो पर डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र को मदद की जाएगी। इन माध्यमों के जरिए स्थानीय भाषा में उच्च गुणवत्ताप्रद ई-कंटेंट तैयार कर छात्रों तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। इससे महामारी के दौर में शिक्षा क्षेत्र को बड़ी मजबूती मिलेगी।