Farmer Budget 2022: 'रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी सरकार', निर्मला सीतारमण का बजट में ऐलान
Budget 2022-23 For Farmers And Agriculture केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी और इसके लिए प्रथम चरण में गंगा नदी के पांच किमी. चौड़े कोरिडोर्स में आने वाले किसानों की जमीनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2022-23 में (Budget 2022) में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती (Chemical Free Natural Farming) को बढ़ावा देने के सरकार के उद्देश्य को सामने रखा। उन्होंने कि सरकार गंगा नदी के किनारे रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके प्रथम चरण में गंगा नदी के पांच किमी. चौड़े कोरिडोर्स में आने वाले किसानों की जमीनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।" इसके साथ ही, उन्होंने बजट में कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए उन औजारों और साधनों पर छूट को युक्तिसंगत बनाया जा रहा है, जो भारत में विनिर्मित की जाती हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा, "राज्यों को इसलिए प्रोत्साहित किया जायेगा कि वे अपनी कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में संशोधन कर सकें, जिससे कि प्राकृतिक, जीरो-बजट और आर्गेनिक फार्मिंग, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन की जरूरतों को पूरा किया जा सके।" इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने केन-बेतवा लिंक परियोजना लागू करने की बात भी कही।
केन-बेतवा लिंक परियोजना
उन्होंने कहा, "केन-बेतवा लिंक परियोजना को 44,605 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से लागू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य 9.08 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना, 62 लाख लोगों के लिए पेयजल की आपूर्ति करना, 103 मेगावाट हाइड्रो और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है।"
इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा, "फलों और सब्जियों की उपयुक्त किस्म को अपनाने के लिए और उत्पादन और फसल कटाई की यथोचित तकनीक का प्रयोग करने के लिए किसानों की सहायता करने हेतु हमारी सरकार राज्य सरकारों की भागीदारी से एक व्यापक पैकेज प्रदान करेगी।"
वित्त मंत्री ने किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएँ प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉड में एक योजना शुरू करने का भी ऐलान किया, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों के साथ-साथ निजी एग्रीटेक प्लेयर्स और स्टेकहोल्डर्स, जो एग्रीवेल्यू चैन के होंगे, वह शामिल हो सकेंगे।