Farmer Budget 2022: बजट में किसानों और खेती से जुड़ा क्या-क्या है? ये हैं निर्मला सीतारमण की कही 15 बड़ी बातें
Budget 2022-23 For Farmers And Agriculture केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 में किसानों और खेती से जुड़ी तमाम जरूरी बातें कही हैं। ऐसे में हम आपको उनके द्वारा कही गई 15 बड़ी बातें बताने वाले हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2022-23 (Budget 2022) में किसानों और खेती से जुड़ी तमाम जरूरी बातें कही हैं। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दी, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान प्रतिकूल स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव को झेला है। इसके बात उन्होंने अपने भाषण को आगे बढ़ाया, जिसमें उन्होंने किसानों और खेती से जुड़ी कई बातें कहीं। नीचे उनके द्वारा कही गई 15 बड़ी बातें लिखी गई हैं, पढ़िए-
किसानों और खेती के लिए निर्मला सीतारमण द्वारा कही गई 15 बातें
- कृषि क्षेत्र के लिए उन औजारों और साधनों पर छूट को युक्तिसंगत बनाया जा रहा है, जो भारत में विनिर्मित की जाती हैं।
- कृषि फसलों का आकलन करने, भू-दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन करने, कीटनाशियों का छिड़काव करने और पोषक तत्वों के लिए ‘किसान ड्रोन्स’ के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- राज्यों को इसलिए प्रोत्साहित किया जायेगा कि वे अपनी कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में संशोधन कर सकें, जिससे कि प्राकृतिक, जीरो-बजट और आर्गेनिक फार्मिंग, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
- मिश्रित पूंजीयुक्त एक कोष, जोकि सह-निवेश मॉडल के अंतर्गत तैयार किया गया होगा, के लिए नाबार्ड से सहायता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य कृषि और ग्रामीण उद्यमों के लिए स्टार्ट-अप्स, जो कि कृषि उत्पाद मूल्य श्रृंखला के लिए संगत होंगे, को वित्तपोषित करना है।
- इन स्टार्ट-अप्स के क्रियाकलापों में अन्य बातों के अलावा एफपीओ को सहायता, कृषि स्तर पर किराया आधार पर किसानों को विकेद्रीकृत मशीनरी उपलब्ध कराना और प्रौद्योगिकी, जिनमें आईटी आधारित समर्थन शामिल है, जैसे कार्य आएँगे।
- 44,605 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को लागू किया जाएगा।
- इस योजना का उद्देश्य 9.08 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना, 62 लाख लोगों के लिए पेयजल की आपूर्ति करना, 103 मेगावाट हाइड्रो और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है।
- इस परियोजना के लिए संशोधित अनुमान 2021-22 में 4300 करोड़ रुपए और 2022-23 में 1400 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।
- फलों और सब्जियों की उपयुक्त किस्म को अपनाने के लिए और उत्पादन और फसल कटाई की यथोचित तकनीक का प्रयोग करने के लिए किसानों की सहायता करने हेतु हमारी सरकार राज्य सरकारों की भागीदारी से एक व्यापक पैकेज प्रदान करेगी।
- रबी 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद में 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूँ एवं धान होगा।
- इसके लिए एमएसपी मूल्य का 2.37 लाख करोड़ रुपए का भुगतान सीधे उनके खाते में किया जाएगा।
- देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके प्रथम चरण में गंगा नदी के पांच किमी. चौड़े कोरिडोर्स में आने वाले किसानों की जमीनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- वर्ष 2023 को 'राष्ट्रीय कदन्न वर्ष' के रूप में घोषित किया गया है। इसमें फसलोंपरान्त मूल्य संवर्धन, घरेलू खपत को बढ़ाने और कदन्न उत्पादों की राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय ब्रांडिंग करने के लिए सहायता दी जाएगी।
- तिहलनों के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से एक तर्कसंगत और व्यापक योजना चलाई जाएगी।
- किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएँ प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉड में एक योजना शुरू की जाएगी, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों के साथ-साथ निजी एग्रीटेक प्लेयर्स और स्टेकहोल्डर्स, जोकि एग्रीवेल्यू चैन के होंगे, शामिल होंगे।