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Education Budget 2022: वन क्लास वन टीवी चैनल कार्य़क्रम का विस्तार; 200 टीवी चैनल और डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा

Education Budget 2022 वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार के बजट को प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा के विकास के लिए वन क्लास वन टीवी चैनल कार्य़क्रम का विस्तार 200 टीवी चैनल तक बढ़ाया जाएगा।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 11:28 AM (IST)Updated: Wed, 02 Feb 2022 07:37 AM (IST)
Education Budget 2022: वन क्लास वन टीवी चैनल कार्य़क्रम का विस्तार; 200 टीवी चैनल और डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा
शिक्षा क्षेत्र का बजट 2022: वित्तमंत्री ने की शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं।

नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। Budget 2022-23 for Education Sector: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार का बजट आज, 1 फरवरी 2022 को लोक सभा में प्रस्तुत किया। इस वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नये वित्त वर्ष के लिए विभिन्न क्षेत्रों की तरह ही वित्त मंत्री ने सरकार के सामाजिक अवसंरचना, रोजगार और मानव विकास सेक्शन में आने वाले शिक्षा क्षेत्र के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। वर्ष 2022-23 के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने शिक्षा को लेकर किए प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “वन क्लास वन टीवी चैनल कार्य़क्रम का विस्तार 200 टीवी चैनल तक ताकि क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा का प्रसार बढ़े। साथ ही, ईंकंटेंट को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी की  स्थापना की जाएगी।”

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इसके साथ ही वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि उद्योगो के लिए जरूरी कौशल के विकास के लिए कार्यक्रमों को नई दिशा देने के लिए डीईएसएच स्टेक ई-पोर्टल की शुरूआत की जाएगी। साथ ही, ऑनलाइन स्किलिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।

इससे पहले, सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक समीक्षा को 31 जनवरी 2022 को लोक सभा में सोमवार, 31 जनवरी 2022 को प्रस्तुत किया गया था। इसके अनुसार सरकार का शिक्षा पर व्यय वर्ष 2014-15 से लगातार हर वर्ष बढ़ता रहा है।

बता दें कि शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों के विभिन्न प्लेयर्स द्वारा की मांग की जा रही थी कि कोरोना महामारी से प्रभावित इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा बजट आवंटन को बढ़ाया जाए। साथ ही, हाईब्रिड मोड की तरफ बढ़ रही शिक्षा प्रणाली के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार की भी मांग की जा रही थी। इसके अतिरिक्त, विभिन्न एडुटेक कंपनियों की मांग की थी कि शिक्षा सेवा क्षेत्र के दायरे में एडुकेट कंपियों को भी शामिल किया जाए और सेक्टर पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी कम किया जाए।


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