Budget 2021: 2020-21 में जीडीपी का 9.5% राजकोषीय घाटा, इस साल 6.8% रहने का अनुमान
Budget 2021 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़ें भी बताए। उन्होंने कहा कि बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा 9.5 फीसद रहा। इस साल राजकोषीय घाटे के 6.8 फीसद रहने का अनुमान है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। Budget 2021, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में अर्थव्यवस्था को लेकर कई बातें कहीं। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि इस साल राजकोषीय़ घाटा 6.8 फीसद रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि बीते साल 2020-21 के वित्तीय वर्ष में राजकोषीय़ घाटा 9.5 फीसद रहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को 80 हजार करोड़ की जरूरत होगी, जो अगले दो महीनों में बाजार से लिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए फिस्कल डेफिसिट GDP का 6.8% संभव है। साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए खर्च Rs 34.5 लाख करोड़ हो सकता है। इसके साथ ही वित्त वर्ष फिस्कल डेफिसिट GDP का 9.5% संभव है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार उधार लेकर छोटी सेविंग फंड्स का इस्तेमाल करते हुए हमने इसकी भरपाई की कोशिश की है। हमें 80 हजार करोड़ रुपये की और जरूरत पड़ेगी जिसके लिए हम बाजार की ओर जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार वित्त वर्ष 2011 के खर्च को पूरा करने के लिए अगले दो महीनों में 80,000 करोड़ रुपये उधार लेगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कि अगले वित्तीय वर्ष तक सरकार की कोशिश इस राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.8 फीसदी तक लाने की कोशिश रहेगी। उन्होंने कहा कि 2025-26 तक इस राजकोषीय़ घाटे को 4.5 फीसद करने का लक्ष्य है।
क्या होता है राजकोषीय घाटा ?
सरकार हर साल बजट में अपनी वित्तीय स्थिति को देश के सामने रखती है। जिससे ये पता चल सके कि सरकारी खजाने की हालत कैसी है। राजकोषीय घाटा सरकार के मौजूदा खर्च और उधार से अलग का अंतर होता है। ये बताता है कि सरकार को अपना खर्च पूरा करने के लिए कितने पैसों की जरूरत है।
इकोनॉमिक सर्वे में क्या था अनुमान ?
इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया था कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में 7.7 फीसद के संकुचन का अनुमान है और अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले आगामी वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में तेजी से रिकवरी होने की उम्मीद है। आगामी वित्त में भारत तेजी से सकारात्मक ग्रोथ करेगा।