Move to Jagran APP

Defence Budget 2021: आत्‍मनिर्भर भारत के साथ सामरिक चुनौती से निपटने के लिए सेना का होगा आधुनिकीकरण

Defence Budget 2022 केंद्र सरकार ने इस बजट से यह साफ कर दिया है कि सरकार देश में तैयार होने वाले अत्‍याधुनिक और घरेलू उपकरणों को अधिक तवज्‍जो देगी। सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में स्‍वदेशी भागीदारी को महत्‍व दिया गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 12:36 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 04:52 PM (IST)
Defence Budget 2021: आत्‍मनिर्भर भारत के साथ सामरिक चुनौती से निपटने के लिए सेना का होगा आधुनिकीकरण
आत्‍मनिर्भर भारत के साथ सामरिक चुनौती से निपटने के लिए सेना का होगा आधुनिकीकरण। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Defence Budget Budget 2022: केंद्र सरकार ने इस बजट से यह साफ कर दिया है कि सरकार देश में तैयार होने वाले अत्‍याधुनिक और घरेलू उपकरणों को अधिक तवज्‍जो देगी। सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में स्‍वदेशी भागीदारी को महत्‍व दिया गया है। भविष्‍य में देश का रक्षा क्षेत्र घरेलू बाजार में तैयार होने वाले उपकरणों से लैस होगा। इससे न सिर्फ घरेलू बाजार को तरक्‍की मिलेगी जबकि रोजगार के भी अवसर प्राप्‍त होंगे।

loksabha election banner

1- प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि भारत जैसे एक बड़े देश में रक्षा बजट बहुत अहम होता है। खासकर तब जब पूर्वी लद्दाख में चीन से सीमा विवाद चरम पर पहुंच चुका है। सीमा व‍िवाद को लेकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच संघर्ष हो चुका है। उधर, आतंकवाद को लेकर पाकिस्‍तान से भारत का गतिरोध चल रहा है। इसके अलावा दुनिया का सामरिक समीकरण बहुत तेजी से बदल रहा है। इससे क्षेत्रीय असंतुलन की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई है। दक्षिण चीन सागर, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन एक नई तरह की चुनौती पेश कर रहा है। ऐसे में भारतीय सेना खासकर वायु सेना और नौसेना को और आधुनिक बनाने की जरूरत है। देश की मौजूदा हालत को देखते हुए खासकर कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर में आई मंदी को देखते हुए रक्षा बजट पर सरकार ने खास ध्‍यान दिया है।

2- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि आत्‍मनिर्भर भारत के साथ आत्‍मनिर्भर सेना के कांस्‍पेट पर जोर दिया गया है। रक्षा बजट में खास बात यह है कि रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में आयात पर निर्भरता को कम करने पर जोर दिया गया है।  इसके साथ रक्षा उपकरणों के लिए घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर है। यह पिछले वित्‍त वर्ष से 58 फीसद अधिक है। इस बजट की एक अन्‍य खास बात यह है कि सरकार ने रक्षा सेक्‍टर को मेक इन इंडिया और मेक फार द वर्ल्‍ड पर भी जोर दिया गया है।

3- उन्‍होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में विकास और अनुसंधान पर व‍िशेष जोर दिया गया है। यह विकास और अनुसंधान तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए बेहद उपयोगी रहेगा। रक्षा क्षेत्र का आधुनिकीकरण करने के लिए डीआरडीओ को 25 फीसद अधिक धनराशि दी जाएगी। इसके तहत तेजी से रिसर्च और डेवलेपमेंट के लिए कुछ नए आयाम बढ़ाए जाएंगे।

एनडीए सरकार का रक्षा बजट

1- प्रो. पंत ने कहा कि 10 जुलाई 2014 को पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया था। इसमें बजट में उन्होंने 2,33,872 करोड़ रुपए सेना के लिए आवंटित किए थे। यह आंकड़ा पूर्व की यूपीए सरकार के जरिए फरवरी 2014 में पेश किए गए अंतिम बजट से करीब पांच हजार करोड़ रुपए अधिक था। इस तरह एनडीए ने मोटे तौर पर सेना के लिए होने वाले खर्च में नौ फीसद की बढ़ोत्तरी की थी।

2- उन्‍होंने कहा कि एनडीए सरकार का पहला पूर्ण बजट 28 फरवरी 2015 में पेश किया गया। इस बजट में पिछले बजट की तरह ही रक्षा के लिए आवंटित खर्च 2,55,443 करोड़ रुपये रखा गया था। इसके अगले साल 29 फरवरी 016 को जब पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश किया था तो उन्होंने सेना पर खर्च का जिक्र नहीं किया था। इस पर कई लोगों ने सवाल उठाए थे। हालांकि उस वक्‍त यह अनुमान लगाया गया था कि रक्षा बजट में दो फीसद की वृद्धि की जाएगी।

3- 1 फरवरी 2017 को रक्षा बजट के लिए 2,74,114 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। पिछले बजट से इस बार के बजट में करीब छह फीसद का इजाफा हुआ था। वर्ष 2018 में एक बार फिर रक्षा बजट में आठ फीसद की वृद्धि हुई। रक्षा बजट के लिए 2,95,511 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। वर्ष 2019 में मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा था कि पहली बार हमारा रक्षा बजट तीन लाख करोड़ के पार पहुंचने जा रहा है। वर्ष 2019 में इस बार के रक्षा बजट में 3,18,847 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। पिछले बजट के मुकाबले इसमें आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

भारत की सैन्य शक्ति दुनिया में चौथे स्थान पर

प्रो. पंत का कहना है कि भारत की सैन्य शक्ति दुनिया में चौथे स्थान पर है । उन्‍होंने कहा कि हमारा रक्षा बजट अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट है। बीते साल 2021-2022 के लिए सरकार ने रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपये का रखा था। इससे पहले साल 2020-2021 में यह बजट 4.71 लाख करोड़ रुपये का था। चीन से सीमा पर बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर बीते साल अच्छे खासे रक्षा बजट का अंदाजा लगाया था। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण इसमें 1.4 फीसद की मामूली बढ़ोतरी ही की गई थी। इस दौरान चीन ने अपने बजट में 6.8 फीसद का भारी इजाफा किया। चीन का सैन्य बजट भारत के मुकाबले करीब चार गुना ज्यादा है।

साल दर साल बढ़ता सैन्य बजट की रफ्तार धीमी पड़ी

साल    कुल बजट (रुपये में)

2015 : 2.47 लाख हजार करोड़

2016 : 3.41 लाख हजार करोड़

2017 : 3.60 लाख हजार करोड़

2018 : 4.4 लाख हजार करोड़

2019 : 4.31 लाख हजार करोड़

2020 : 4.71 लाख हजार करोड़

2021 : 4.78 लाख हजार करोड़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.