इनकम टैक्स बचाने के लिए अंतिम महीना बाकी, 80C के इन विकल्पों में करें निवेश
पीपीएफ में 1.5 लाख तक का निवेश कर आप टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2017-18 खत्म होने में अब सिर्फ एक महीने का समय बचा है। अधिकांश करदाता इस समय ऐसे निवेश विकल्प तलाशने लग जाते हैं जिसमें वो 31 मार्च से पहले निवेश कर अपनी टैक्स की बचत कर पाएं। हम अपनी इस खबर में आपको कुछ ऐसे विकल्पों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जहां आप 1.50 लाख रुपए निवेश कर आयकर की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
पीपीएफ में निवेश: निवेश और टैक्स बचत के लिहाज से यह एक शानदार स्कीम है। इसमें निवेश के लिए नौकरीपेशा होना जरूरी नहीं है। पीपीएफ में किया गया निवेश आयकर की धारा 80C के तहत कर छूट के दायरे में आता है। इसके तहत एक वित्त वर्ष के दौरान सिर्फ 1.5 लाख तक की कर छूट का ही दावा किया जा सकता है।
ईपीएफ में निवेश: यह नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स सेविंग का बेहतर टूल होता है। ईपीएफ में जमा राशि में से कर्मचारी के योगदान पर आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट का क्लेम किया जा सकता है। यह सीमा सिर्फ 1.5 लाख रुपए तक की ही है। यह राशि आपकी सैलरी का 12 फीसद हिस्सा होती है जिसे आपका नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में आपके ईपीएफ अकाउंट में जमा कराता है। ईपीएफ पर फिलहाल 8.55 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है।
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एनपीएस में निवेश: नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश कर भी आप टैक्स की बचत कर सकते हैं। यह एक ऐसी पेंशन योजना है जो असंगठित क्षेत्र और वर्किंग प्रोफेशनल्स को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें भी आप आयकर की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। यह सीमा सिर्फ 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर लागू है।
यूलिप में निवेश: यूलिप इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट का मिलाजुला रुप है। यूलिप में निवेश किए गए पैसों का एक हिस्सा आपको इंश्योरेंस उपलब्ध करवाता है जबकि बाकी के हिस्से का निवेश स्टॉक मार्केट में किया जाता है। आयकर की धारा 80C के तहत आप 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना: छोटी बच्चियों के सुनहरे भविष्य के लिए सुकन्या एक बेहतर योजना है। वर्तमान समय में सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाला ब्याज 8.1 फीसद है। आयकर की धारा 80C के तहत 1.5 लाख तक के निवेश पर कर छूट का क्लेम किया जा सकता है।