Year Ender 2020: Equity Savings Funds ने निवेशकों को किया मालामाल, जानिए किन फंडों का रिटर्न रहा शानदार
मनी’ज वर्थ फिनसर्व के पार्टनर गितेश कुलकर्णी कहते हैं कि इक्विटी और डेट का मिला-जुला पोर्टफोलियो नीचे के जोखिम को कम करता है। लिक्विड और शॉर्ट टर्म की तुलना में इक्विटी टैक्सेशन का इस कैटेगरी में एक बेहतर विकल्प भी मिलता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में वर्तमान माहौल में अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि एक कारण उम्मीद की यह है कि कोविड-19 की वैक्सीन जल्द आ सकती है। निवेशक रूढ़िवादी (कंजर्वेटिव) तरीके से निवेश देख रहे हैं जो ग्रोथ की उम्मीदों के लिए अच्छा है। पर चालू वित्त वर्ष में कुछ इक्विटी सेविंग्स फंड ने निवेशकों को 30% तक का रिटर्न दिया है।इक्विटी सेविंग्स फंड दरअसल एक लिमिट के तहत निवेश करता है। इसका मतलब जब बाजार ऊपर होता है तो फंड मैनेजर अपने एक्सपोजर को कम कर देते हैं। जब बाजार गिरता है तो वे एक्सपोजर को बढ़ा देते हैं। यानी बाजार की बढ़त में वे मुनाफा करते हैं और जब शेयरों की कीमत कम होती है तो वे खरीदी करते हैं।
इस आधार पर अगर इस वित्त वर्ष में देखें तो महिंद्रा मनुलाइफ इक्विटी सेविंग्स धन संचय योजना बेस्ट प्रदर्शन करने वाली स्कीम्स में रही है। इसने अप्रैल से अब तक 30.51% का फायदा दिया है। एक साल में इसने 13.5% का रिटर्न दिया है। देश के सबसे बड़े फंड हाउस एसबीआई इक्विटी सेविंग्स फंड ने अप्रैल से अब तक 27.4% और एक साल में 11.5% का रिटर्न दिया है।
एलएंडटी इक्विटी सेविंग्स फंड ने अप्रैल से अब तक 27.5% का रिटर्न दिया है जबकि एक साल में 10.9% का फायदा दिया है। डीएसपी इक्विटी सेविंग्स फंड ने इसी अवधि में 27% और 8.3% का रिटर्न निवेशकों को दिया है। इक्विटी सेविंग्स फंड कैटेगरी की बात करें तो इसने चालू वित्त वर्ष में 23% का रिटर्न दिया है।
मनी’ज वर्थ फिनसर्व के पार्टनर गितेश कुलकर्णी कहते हैं कि इक्विटी और डेट का मिला-जुला पोर्टफोलियो नीचे के जोखिम को कम करता है। लिक्विड और शॉर्ट टर्म की तुलना में इक्विटी टैक्सेशन का इस कैटेगरी में एक बेहतर विकल्प भी मिलता है। दूसरे फंडों की तुलना में महिंद्रा मैनुलाइफ की धन संचय योजना इक्विटी में 40-60% तक का निवेश करती है।
इक्विटी सेविंग्स फंड उन निवेशकों के लिए सही हैं जो कंजर्वेटिव हैं और रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। साथ ही सावधानी के साथ इक्विटी बाजार में निवेश भी करना चाहते हैं। कम से कम इस तरह के फंड्स में दो से तीन साल तक के लिए निवेश करना चाहिए। निवेशकों को यह ध्यान देना चाहिए कि शेयर बाजार में ज्यादा निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिल सकता है पर ज्यादा जोखिम भी रहता है।
फंड मैनेजर 10-35% की रकम डेट और मनी मार्केट में निवेश करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर इक्विटी निवेश में उतार-चढ़ाव है तो डेट में आपका निवेश अच्छा प्रदर्शन करे। 65% हिस्सा इक्विटी और इससे संबंधित साधनों में निवेश किया जाता है।