Move to Jagran APP

आइटी उद्योग की विकास दर तेज रहने की उम्मीद

अमेरिकी डॉलर की उथल-पुथल भी उद्योग को काफी प्रभावित कर रही है। डॉलर के मुकाबले दूसरी मुद्राओं की उथल-पुथल भी उद्योग पर असर डालती है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 02:41 PM (IST)
आइटी उद्योग की विकास दर तेज रहने की उम्मीद
आइटी उद्योग की विकास दर तेज रहने की उम्मीद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय आइटी उद्योग के समक्ष भले ही ब्रेक्जिट जैसी ग्लोबल चुनौतियां आ रही हैं लेकिन मौजूदा वर्ष 2019 उद्योग के लिए तेज रफ्तार लेकर आएगा। टेक महिंद्रा के एमडी व सीईओ सीपी गुरनानी का कहना है कि ग्लोबलाइजेशन 4.0 और 5जी टेक्नोलॉजी में हो रहे विकास से भारतीय आइटी उद्योग को रफ्तार मिलेगी।

loksabha election banner

उन्होंने यह भी कहा कि करेंसी बाजार में उथल-पुथल चिंताजनक है लेकिन डिजिटल में निवेश से उद्योग को फायदा मिलेगा। गुरनानी ने कहा कि अमेरिका में एक महीने से ज्यादा समय तक चले शटडाउन से आइटी उद्योग के समस्या पैदा हुई। ब्रेक्जिट से भी उद्योग के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। लेकिन उद्योग भविष्य की ग्रोथ के लिए तैयार है। ग्लोबलाइजेशन 4.0 के लिए नई तकनीक उद्योग के लिए ग्रोथ लेकर आएगी।

गुरनानी ने कहा कि हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें तकनीक प्रमुख है। फिर चाहे स्किल प्रॉब्लम हो या फिर स्थिरता लाने का मसला हो। भले ही अमेरिका में शटडाउन खत्म हो गया है लेकिन करेंसी की उथल-पुथल उद्योग के लिए समस्या पैदा कर सकती है। गुरनानी के अनुसार आइटी उद्योग को अमेरिका से करीब 60 फीसद कारोबार मिलता है। ऐसे में अमेरिका में शटडाउन ने उद्योग के लिए समस्या पैदा की।

अमेरिकी डॉलर की उथल-पुथल भी उद्योग को काफी प्रभावित कर रही है। डॉलर के मुकाबले दूसरी मुद्राओं की उथल-पुथल भी उद्योग पर असर डालती है। उन्होंने कहा कि मुद्राओं की उथल-पुथल के मामले में हमें दो-तीन तिमाहियों का इंतजार करना होगा, तभी इसके असर के बारे में कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है।

ब्रिटेन 29 मार्च को 28 देशों के यूरोपीय संघ से बाहर आ जाएगा। ब्रेक्जिट को लागू होने में महज दो माह का वक्त बचा है लेकिन ब्रिटेन अभी तक किसी भी योजना को अंतिम रूप नहीं दे पाया है। इससे कारोबार और विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष अनिश्चितता बनी हुई है। वर्ष 2016-17 के दौरान आइटी उद्योग के संगठन नैस्कॉम के चेयरमैन रह चुके गुरनानी ने कहा कि उद्योग ग्लोबलाइजेशन 4.0 पर बड़ा दांव लगा रहा है। इसके तहत ग्लोबल ट्रेड मुख्य तौर से तकनीक का इस्तेमाल करके आकार लेगा।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल सुस्ती के बावजूद भारत की विकास दर काफी तेज रही है। वह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। एशिया के साथ भारत के लिए ग्लोबलाइजेशन 4.0 में अहम भूमिका है। तेज रफ्तार हासिल करने को आइटी उद्योग के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।

गार्टनर के अनुमान के अनुसार भारत में आइटी पर खर्च चालू वर्ष के दौरान 6.7 फीसद बढ़कर 89 अरब डॉलर (6.23 लाख करोड़ रुपये) हो जाएगा। व्यय में यह वृद्धि मुख्य रूप से डिवाइसेज, एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर और आइटी सेवाओं में होगी। गुरनानी के अनुसार 2019 आइटी उद्योग के लिए रफ्तार का साल होगा क्योंकि वह डिजिटल में काफी निवेश कर रहा है। इससे उद्योग ग्राहकों और नागरिकों को बेहतर सेवाएं दे सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.