नोटबंदी ने कर आतंकवाद को बढ़ावा दिया: यशवंत सिन्हा
सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी अपने घोषित उद्देश्यों में से किसी को भी पूरा करने में विफल रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहना है कि नोटबंदी ने देश में कर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मध्यकालीन दौर के दिल्ली के उस सनकी राजा से की है जो अपने अजीबो-गरीब फैसलों के लिए जाना जाता था।
सिन्हा ने यह टिप्पणी अर्थशास्त्री अरुण कुमार की किताब “डिमोनेटाइजेशन एंड द ब्लैक इकोनॉमी” की लॉन्चिंग के मौके पर की है। सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी अपने घोषित उद्देश्यों में से किसी को भी पूरा करने में विफल रहा है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि "नीति निर्माता नहीं बल्कि केवल एक नीति-निर्माता" यह तय करता है कि क्या करना है। समय बीतने के साथ ही वो इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि नोटबंदी असफल और पूरी तरह से नाकाम रही है।
सिन्हा ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तब उसके लिए कर आतंकवाद महत्वपूर्ण था, नोटबंदी के कारण उसकी वापसी हुई है और उन्होंने दावा किया कि आयकर विभाग ने इस निर्णय के बाद करीब 1.8 मिलियन मामले दर्ज किए और उनके पास किसी भी समय इनकी पुख्ता जांच के लिए पर्याप्त साधन नहीं थे। जब सिन्हा से पूछा गया कि कालेधन के प्रवाह को कैसे रोका जा सकता है इस पर उन्होंने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) किताब लिखे जाने लायक विषय हैं जिसमें बताया जाना चाहिए कि चीजें किस तरह से नहीं होनी चाहिए।
गौरतलब है कि नोटबंदी की घोषणा 8 नवंबर 2016 को हुई थी जिसमें 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य ठहरा दिया गया था जो कि उस वक्त प्रचलित कुल करेंसी का 86 फीसद हिस्सा थे।