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खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई में भी हुआ इजाफा, सस्ते कर्ज की उम्मीद को लगा झटका

WPI के आंकड़ों के मुताबिक फूड आर्टिकल्स से जुड़ी महंगाई दर में बड़ा इजाफा देखने को मिला है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 14 Nov 2017 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 14 Nov 2017 12:49 PM (IST)
खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई में भी हुआ इजाफा, सस्ते कर्ज की उम्मीद को लगा झटका
खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई में भी हुआ इजाफा, सस्ते कर्ज की उम्मीद को लगा झटका

नई दिल्ली (जेएनएन)। खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई के मोर्चे पर भी राहत की खबर नहीं आई है। मासिक आधार पर अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर 2.60 (सितंबर) से बढ़कर 3.59 फीसद रही है। इन आकंड़ों ने सस्ते कर्ज की उम्मीदों को तगड़ा झटका दे दिया है। गौरतलब है कि दिसंबर महीने में भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्वैमासिक समीक्षा बैठक करने वाला है जिसमें नीतिगत दरों में बदलाव पर आम सहमति बनाई जाएगी।

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क्या कहते हैं WPI के आंकड़ें: दालों की महंगाई दर (-)31.05 फीसद रही जो कि मासिक आधार पर सितंबर महीने में (-) 24.26 फीसद रही थी। वहीं सब्जियों से जुड़ी महंगाई दर 36.61 फीसद रही जो कि मासिक आधार पर सितंबर महीने में 15.48 फीसद रही थी। हालांकि कोर महंगाई ने थोड़ी राहत जरूर दी है, यह 3 फीसद से घटकर 2.9 फीसद रही है। अगर फ्यूल से जुड़ी महंगाई दर की बात करें तो यह 9.01 फीसद से बढ़कर 10.52 फीसद रही है। साथ ही फूड आर्टकल्स से जुड़ी महंगाई दर में भी इजाफा देखने को मिला है। अक्टूबर महीने में यह 2.40 से बढ़कर 4.03 फीसद रही है।साथ ही प्राइमरी आर्टिकल्स से जुड़ी महंगाई दर 3.33 फीसद रही जो कि सितंबर महीने में मासिक आधार पर 0.15 फीसद रही थी। वहीं मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी महंगाई दर सितंबर के 2.72 फीसद के मुकाबले अक्टूबर में 2.62 फीसद रही है।

प्याज की महंगाई ने बढ़ाई परेशानी: मासिक आधार पर प्याज की महंगाई दर 127.04 फीसद रही जो कि सितंबर महीने के दौरान 79.78 फीसद रही थी। वहीं अक्टूबर महीने के दौरान नॉन फूड आर्टिकल्स से जुड़ी महंगाई दर (-)0.67 फीसद रही जो कि मासिक आधार पर सितंबर महीने में 2.20 फीसद रही थी। वहीं मासिक आधार पर सुगर की महंगाई दर 5.08 फीसद रही जो कि सितंबर महीने के दौरान 7.38 फीसद रही थी।

रिटेल महंगाई दर 7 महीने के उच्चतम स्तर पर:

महंगे खाद्य सामान, विशेषकर के सब्जियों के दाम ने रिटेल महंगाई को सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है। अक्टूबर महीने में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 3.58 फीसद रही है। आपको बता दें कि सीपीआई (कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स) आधारित महंगाई दर सितंबर महीने में 3.28 फीसद रही थी। इसका पिछला उच्चतम स्तर 3.89 फीसद का रहा जो कि इसी साल मार्च महीने में देखने को मिला था।

वहीं, महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में कोर महंगाई दर 4.6 फीसद से घटकर 4.5 फीसद रही है। महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में शहरी इलाकों की रिटेल महंगाई दर 3.44 फीसद से बढ़कर 3.81 फीसद रही है। महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में ग्रामीण इलाकों की रिटेल महंगाई दर 3.15 फीसदी से बढ़कर 3.36 फीसदी रही है। महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में ईंधन और बिजली की रिटेल महंगाई दर 3.92 फीसदी से बढ़कर 6.36 फीसदी रही है।


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