फंड लागत घटने पर ही ब्याज में कटौती करेगा SBI
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि एसबीआइ पहले ही ब्याज दरों में कटौती कर चुका है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि एसबीआइ पहले ही ब्याज दरों में कटौती कर चुका है। ब्याज में और कमी तभी की जाएगी जब उसकी फंड लागत (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड) में कमी आएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह रेपो रेट में 0.25 फीसद की कमी की थी। लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ ने 30 लाख रुपये तक होम लोन की ब्याज दर में महज 0.05 फीसद की कटौती की। कुमार ने यहां एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि हमारे पास जो भी गुंजाइश थी, हमने ब्याज दर में कटौती कर दी है। अगर हमारी फंड लागत में कमी आएगी तो हम इसका फायदा कर्जदारों को देंगे।
इससे पहले रियल्टी सेक्टर के संगठन क्रेडाई के सम्मेलन में उन्होंने लंबी अवधि में पूरे होने वाले इन्फ्रा प्रोजेक्टों को वित्तीय संसाधन मुहैया कराने के लिए कॉरपोरेट बांड मार्केट को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया ताकि इन प्रोजेक्टों को कर्ज देने का बैंकों पर दबाव कम हो सके। कुमार ने कहा, ‘भारत में अभी भी वित्त पोषण के लिए बैंकों की अहम भूमिका है। बांड मार्केट अभी भी विकसित नहीं हो पाया है। इस वजह से बड़े प्रोजेक्टों की फंडिंग के लिए बैंकों पर निर्भरता बहुत ज्यादा है। हमें बांड मार्केट विकसित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।’
उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों खासकर लंबी अवधि में पूरे होने वाले प्रोजेक्टों की फंडिंग के लिए बैंकों पर निर्भरता कुछ और वर्षो तक बनी रह सकती है। यह निर्भरता तब तक रहेगी जब तक इसके लिए वैकल्पिक तंत्र विकसित न हो जाए। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक प्रोजेक्टों की फाइनेंसिंग की बैंकों पर नई जिम्मेदारी आ गई है। पारंपरिक रूप से बैंक वर्किग कैपिटल के लिए कर्ज देने का काम करते हैं। वे इस तरह के कर्ज देने में माहिर हैं।