हजारों को करोड़ों बनाने वाले बफेट होंगे रिटायर, भारत में जन्मा शख्स बन सकता है उत्तराधिकारी
Warren Buffett Successor बफेट ने मई में संकेत दिया था कि भारतीय मूल के अजीत जैन या ग्रेग एबल उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक वारेन बफेट ने शनिवार को कहा कि Berkshire Hathaway उनकी विदाई के लिए तैयार है। बफेट ने इसके साथ ही अपने 96 वर्षीय साझीदार चार्ली मुंगेर (96) के भी जल्द पद छोड़ने की घोषणा की। महज 11 साल की उम्र में अपना पहला निवेश करने वाले बफेट ने अपनी समझबूझ और अनुभव से एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है, जिसे वह जल्द छोड़ देंगे। अपने परोपकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध और 'ऑरेकल ऑफ ओमाहा' के नाम से मशहूर बफेट पिछले कई साल से दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शुमार हैं। इसके बावजूद उनका विनम्र व्यवहार लोगों का दिल जीत लेता है।
अजीत जैन या ग्रेग एबल संभाल सकते हैं कंपनी की बागडोर
89 वर्षीय बफेट ने शेयरहोल्डर्स को अपने सालाना पत्र में कहा है कि Berkshire के शेयर होल्डर्स को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कंपनी उन दोनों की विदाई के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि, उनके अपने उत्तराधिकारी के बारे में कोई बात नहीं की। हालांकि, पिछले साल मई में शेयरहोल्डर्स की सालाना बैठक में उन्होंने इस बात का संकेत दिया था कि ग्रेग एबल या भारतीय मूल के अजीत जैन आने वाले समय में कंपनी की बागडोर संभाल सकते हैं। वारेन के इस सालाना खत का उनके प्रशंसकों और दुनियाभर के निवेशकों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इसमें वह बर्कशायर, अर्थव्यवस्था, निवेश और अन्य मुद्दों पर खुलकर राय रखते हैं।
ओडिशा में हुआ था अजीत जैन का जन्म
ओडिशा में जन्में जैन ने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया था। इसके बाद उन्होंने आईबीएम में काम किया था। हालांकि, उसके बाद वह एमबीए करने अमेरिका चले गए। वह 1986 में Berkshire Hathaway के इंश्योरेंस बिजनेस से जुड़े थे। बकौल जैन उस समय उन्हें इंश्योरेंस के बारे में बहुत सीमित जानकारी थी। हालांकि, उन्होंने जल्दी से इस बिजनेस को सीखा और बर्कशायर की कमाई बढ़ाने में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है।
बफेट की बर्कशायर ने की रिकॉर्ड कमाई
बफेट की बर्कशायर हैथवे ने 81.42 अरब डॉलर की रिकॉर्ड कमाई की है। कंपनी के कॉमन स्टॉक होल्डिंग्स में बड़ा फायदा हुआ। हालांकि ऑपरेटिंग प्रॉफिट तीन फीसद गिरा है। वारेन बफेट ने एपल जैसी कंपनियों के शेयरों में बड़े निवेश के कंपनी के फैसलों का बचाव किया। बर्कशायर कुछ कंपनियों को खरीदने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सौदों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था।