वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट डील हुई पक्की, जानिए इस डील से होंगे कितने फायदे-नुकसान
वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील से भारत को फायदे एवं नुकसान दोनों होंगे..
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वॉलमार्ट इंक ने जानकारी दी है कि उसने भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की डील को पूरा कर लिया है। यह डील 16 बिलियन डॉलर में हुई है। इस डील के पूरा होने के बाद वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट में सबसे बड़ा हिस्सेदार बन गया है।
वॉलमार्ट डील के पूरा होने के साथ ही फ्लिपकार्ट में दो अरब डॉलर की नई शेयरपूंजी लगाएगा ताकि फ्लिपकार्ट के कारोबार का तेजी से विस्तार किया जा सके। कंपनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "निवेश का काम पूरा होने के साथ वॉलमार्ट के पास अब फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी आ गई है। फ्लिपकार्ट की शेष हिस्सेदारी कंपनी के सह संस्थापक बिन्नी बंसल, टेनसेंट, टाइगर ग्लोबल और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के पास है।"
वॉलमार्ट इंटरनेशनल के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जूडिथ मैक्केना ने बताया, "हमारे निवेश से भारत को फायदा होगा। हम उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाला सामान उचित मूल्य पर उपलब्ध कराएंगे, साथ ही नए कुशल रोजगार के मौके पैदा होंगे। इसके अलावा आपूर्तिकर्ताओं को भी अवसर उपलब्ध होंगे। हम भारत में सीखने, योगदान करने और फ्लिपकार्ट के साथ काम करने को लेकर काफी खुश हैं।"
इस डील से फायदे-नुकसान?
ग्राहकों को कम कीमत में मिल सकती है ज्यादा वैरायटी वाले उत्पाद: भारत के ऑनलाइन बाजार में वॉटमार्ट की एंट्री से भारतीय रिटेल सेक्टर को भी मजबूती मिल सकती है। जहां एक ओर ग्राहकों को कम दाम पर प्रोडक्ट मिलेंगे वहीं उनके पास प्रोडक्ट्स की ज्यादा वैरायटी भी होगी।
अमेजन और वॉलमार्ट के बीच छिड़ सकता है प्राइज वार: भारत में इस अमेरिकी कंपनी की एंट्री से अब अमेजन और वॉलमार्ट के बीच प्राइज वॉर छिड़ना तय माना जा रहा है। हालांकि इन दोनों के प्राइज वार से भारतीय ऑनलाइन ग्राहकों को ही फायदा होगा। ऐसे में देखना दिलचस्प होता है कि ये दोनों कंपनियां अपने नए ग्राहकों को लुभाने के लिए और वर्तमान ग्राहकों को बरकरार रखने के लिए क्या रणनीतियां अपनाती हैं।
भारतीय उपभोक्ताओं के लिए क्या बदलेगा?
इस डील से भारतीय कंज्यूमर्स को क्या फायदा होगा?
भारतीय यूजर्स जिनमें ऑनलाइन प्रोडक्ट्स खरीदने का प्रचलन बढ़ा है उन्हें इस डील से फायदा हो सकता है। वॉलमार्ट हर दिन सेल्स मॉडल के लिए मशहूर है। वॉलमार्ट द्वारा रोजाना उपभोक्ताओं को बड़े डिस्काउंट दिए जाते हैं। अब गूगल के साथ के अलावा फ्लिपकार्ट भी उनकी जेब में है। अब कंपनी ऐसे डिस्काउंट्स लेकर आ सकती है जो पहले कभी ई-कॉमर्स सेक्टर में ना देखे गए हो। अगर आप सोचते हैं की पेटीएम और अलीबाबा ने डिस्काउंट्स के मामले में मास्टर्स कर रहा है तो वॉल मार्ट उनके प्रोडक्ट्स को भी आपकी नजर में महंगे बना सकता है।
देश में रोजगार सृजन: यह अधिग्रहण देश में रोजगार सृजन के लिहाज से भी काफी अहम होगा। रिटेल और ई-कॉमर्स रोजगार वृद्धि में काफी योगदान देता है, क्योंकि इसमें लॉजिटिक्स, आपूर्ति, वेयरहाउसिंग तथा अन्य बैक एंड ऑफिस परिचालन में काफी संख्या में लोगों को नियुक्त करने की जरूरत होती है। वालमार्ट जैसी किसी भी कंपनी की ओर से कारोबार के विस्तार के लिए कर्मचारियों पर भी काफी निवेश की जरूरत होती है।
छोटे वेंडर को हो सकता है नुकसान: माना जा रहा है कि वॉलमार्ट की एंट्री से देश के छोटे वेंडंर जो काफी समय से फ्लिपकार्ट के साथ जुड़े हुए हैं उनको नुकसान हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वॉलमार्ट अपनी प्रकृति के मुताबिक छोटे कारोबारियों को खत्म करने के लिए जानी जाती है।