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Vi में बढ़ेगी सरकारी हिस्सेदारी, 8,837 करोड़ रुपये के बकाया को इक्विटी में भुगतान को दी मंजूरी

VI AGR Dues वोडाफोन आइडिया (VIL) ने फाइलिंग में कहा कि दूरसंचार विभाग ने AGR से संबंधित बकाया राशि को चार साल की अवधि के लिए तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का ऑप्शन दिया गया है। एजीआर से संबंधित बकाया राशि 8837 करोड़ रुपये है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 02:46 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 02:46 PM (IST)
Vi में बढ़ेगी सरकारी हिस्सेदारी, 8,837 करोड़ रुपये के बकाया को इक्विटी में भुगतान को दी मंजूरी
Photo Credit - Vodafone Idea File Photo

नई दिल्ली, पीटीआई। VI AGR Dues : केंद्र सरकार ने घाटे से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया (Vi) को बड़ी राहत दी है। सरकार ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बकाया 8,837 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए चार साल का लंबा वक्त दिया है। दूरसंचार विभाग ने वित्त वर्ष 2016-17 के साथ दो अतिरिक्त साल के बकाया की मांग की है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कवर नहीं किया गया था।

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सरकार ने दिया 90 दिनों का वक्त 

हालांकि अब वोडाफोन आइडिया (VIL) ने फाइलिंग में कहा कि दूरसंचार विभाग के AGR से संबंधित बकाया राशि को चार साल की अवधि के लिए स्थगित करने का ऑप्शन दिया गया है। एजीआर से संबंधित बकाया राशि 8,837 करोड़ रुपये है। VIL ने कहा कि डॉट ने एजीआर से संबंधित बकाया राशि के ब्याज को इक्विटी में बदलने का भी ऑप्शन दिया गया है, जिसके लिए दूरसंचार विभाग ने 90 दिनों का वक्त दिया है। IL ने कहा कि 8,837 करोड़ रुपये और आखिरी राशि को 31 मार्च 2026 के बाद 6 सालाना किस्तों में चुकाने का ऑप्शन दिया है। 

सरकार पहले ही वोडाफोन आइडिया के पिछले एजीआर अधिस्थगन के लगभग 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज भुगतान को लगभग 33 फीसदी हिस्सेदारी में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है।

किस कंपनी पर कितना बकाया?

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 तक दूरसंचार ऑपरेटर्स पर सरकार का 1.65 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। इसमें से वित्तीय वर्ष 2018-19 तक भारती एयरटेल (Bharti Airtel) पर 31,280 करोड़ रुपये का एजीार बकाया था। वही वोडाफोन आइडिया पर 59,236.63 करोड़ रुपये का बकाया है। जबकि रिलायंस जियो (Reliance Jio) पर 631 करोड़ रुपये और बीएसएनएल (BSNL) पर 16,224 करोड़ रुपये और एमटीएनएल (MTNL) पर 5,009.1 करोड़ रुपये बकाया शामिल है। बता दें कि सरकार एजीआर के तौर पर मिलने वाले पैसों को अपनी कमाई में शामिल करती है। 


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