Lucknow में 17 सितंबर को होगी GST Council की बड़ी मीटिंग, जानिए Petrol-Zomato समेत क्या मुद्दे होंगे अहम
GST (वस्तु एवं सेवा कर) Council की 45वीं बैठक 17 सितंबर को लखनऊ में होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस बैठक में CNG समेत प्राकृतिक गैस (Natural Gas) Petrol Diesel और कुछ दूसरे जरूरी मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। GST (वस्तु एवं सेवा कर) Council की 45वीं बैठक 17 सितंबर को लखनऊ में होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस बैठक में CNG समेत प्राकृतिक गैस (Natural Gas), Petrol, Diesel और कुछ दूसरे जरूरी मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि GST Council की 45वीं बैठक 17 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे से लखनऊ में होगी।
उन्होंने बताया कि बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और देश के सभी राज्यों की ओर से जीएसटी परिषद के सदस्य के रूप में नामित मंत्री गण हिस्सा लेंगे। बैठक में जीएसटी से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
क्या मुद्दे छाए रहेंगे
पेट्रोलियम उत्पादों को GST दायरे में शामिल करने के लिए राज्यों के साथ बातचीत शुरू कर सकती है। पेट्रोलियम मंत्रालय के सुझाव के आधार पर, केंद्र प्राकृतिक गैस को जीएसटी के तहत लाने का मुद्दा जीएसटी परिषद के समक्ष उठा सकता है।
राज्यों के मुआवजे पर बात
Covid से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी दरों में संशोधन
उल्ट शुल्क संरचना का मसला
पेट्रो उत्पादों पर राज्यों की हिचक
राज्य ज्यादा राजस्व पाने वाले पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने पर विचार करने से हिचक रहे हैं। लेकिन इस साल GST वसूली में काफी सुधार हुआ है। इसलिए पेट्रोलियम मंत्रालय के सुझाव पर विचार हो सकता है।
Zomato-Swiggy पर बात
Zomato-Swiggy जैसे फूड डिलिवरी ऐप को रेस्तरां मानने और उनके द्वारा की जाने वाली आपूर्ति पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि इन फूड डिलिवरी ऐप को उनसे आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां संबंधी सेवाओं पर जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी बनाने का प्रस्ताव उन 4 दर्जन से अधिक प्रस्तावों में से एक है जिनपर परिषद 17 सितंबर को लखनऊ में अपनी बैठक में चर्चा करेगी। इन ऐप को उनके द्वारा की जाने वाली डिलिवरी के लिए सरकार के पास जीएसटी जमा करना होगा। वे रेस्तरां की जगह पर यह जीएसटी देंगे। हालांकि अंतिम उपभोक्ताओं पर किसी अतिरिक्त कर का बोझ नहीं पड़ेगा।
(Pti इनपुट के साथ)