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अमेरिका ने H-1B, अन्य वीजा पर साल के अंत तक रोक लगाई, भारतीय आईटी इंक मार्जिन हो सकते हैं प्रभावित

यह रोक चुनाव के इस महत्त्वपूर्ण वर्ष में अमेरिकी कामगारों के लिए नौकरियां सुरक्षित रखने के मकसद से लगाई गई है।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 05:24 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:11 PM (IST)
अमेरिका ने H-1B, अन्य वीजा पर साल के अंत तक रोक लगाई, भारतीय आईटी इंक मार्जिन हो सकते हैं प्रभावित
अमेरिका ने H-1B, अन्य वीजा पर साल के अंत तक रोक लगाई, भारतीय आईटी इंक मार्जिन हो सकते हैं प्रभावित

नई दिल्ली, पीटीआइ। अमेरिकी रोजगार बाजार पर नजरें टिकाए भारतीय आईटी पेशेवरों को बड़ा झटका देते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने सबसे लोकप्रिय एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेश कार्य वीजा जारी करने पर इस साल के अंत तक रोक लगा दी है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के इस कदम से भारतीय आईटी उद्योग के मार्जिन को नुकसान पहुंच सकता है। विश्लेषकों के अनुसार अमेरिका को भारतीयों के बदले नई हायरिंग में अधिक खर्च करना पड़ेगा।

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विश्लेषकों के एक वर्ग के मुताबिक, भारतीय आईटी कंपनियां जो स्थानीय भर्ती पर काम कर रही हैं, इस प्रभाव को कम करने में उनकी सहायता कर सकती हैं।

यह रोक चुनाव के इस महत्त्वपूर्ण वर्ष में अमेरिकी कामगारों के लिए नौकरियां सुरक्षित रखने के मकसद से लगाई गई है। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा सोमवार को जारी आधिकारिक घोषणा के मताबिक नये प्रतिबंध 24 जून से प्रभावी होंगे।

इस आदेश का कई भारतीय आईटी पेशेवरों और कई अमेरिकी एवं भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है जिन्हें अमेरिकी सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एच-1बी वीजा जारी कर दिए थे।

Goldman Sachs Equity Research रिपोर्ट में कहा गया है, 'इस घोषणा का भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, विशेष रूप से मार्जिन पर। रिपोर्ट में कहा गया है कि (हम) मानते हैं कि स्थानीय स्तर पर काम करने वाले श्रमिकों के निचले स्तर वाली कंपनियों पर अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय आईटी आउटसोर्सिंग कंपनियां 2017 के बाद से एच-1 बी/एल 1 वीजा पर अपनी निर्भरता को कम करने की दिशा में लगातार काम कर रही हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए स्थानीय स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

यह घोषणा बड़ी संख्या में उन भारतीय आईटी पेशेवरों को भी प्रभावित करेगी जो अपने एच-1बी वीजा के नवीनीकरण की प्रतीक्षा में थे।एच-1बी वीजा गैर आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को नियुक्त करने की अनुमति देता है खासकर विशेषज्ञता वाले उन पेशों में जिसमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है।


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