मोबाइल वॉलेट को खत्म करने के लिए है RBI की यूनाइटेड भुगतान प्रणालीः रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने यूपीआई को इसी मकसद से लांच किया है कि अन्य मोबाइल बैंकिंग सुविधाएं खत्म हो जाएं..
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के चलन में आने के बाद अन्य मोबाइल बैंकिंग सुविधाएं किसी काम की नहीं रहेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने यूपीआई को इसी मकसद से लांच किया है कि अन्य मोबाइल बैंकिंग सुविधाएं खत्म हो जाएं। बता दें कि मोबाइल बैंकिंग, जो एक साल पहले की अवधि से फरवरी में तीन गुना से ज्यादा पहुंच गई है।
शहर आधारित सेंट्रम ब्रोकिंग की रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई बडी, आईसीआईसीआई बैंक पॉकेट, एचडीएफसी बैंक की Chillr और पेटीएम जैसी मोबाइल वॉलेट सेवाएं UPI के इस्तेमाल में आते ही खत्म होने के कगार पर आ जाएंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई UPI सुविधा नकदी अर्थव्यवस्था कम करने के प्रयास के में एक कदम है। भारतीय रिजर्व बैंक नकद निर्भरता में कटौती करने के लिए ही UPI को लाया है। 1 लाख रुपए से कम के ट्रांजेक्शन के लिए इससे समय की बचत के साथ-साथ आसान भी होगा। UPI के माध्यम से दो या तीन बैंक खातों को लिंक कर सकते हैं। खातों को लिंक करने के बाद इससे भुगतान और नकद निकासी UPI के ऐप पर मैसेज भेजकर किया जा सकता है।
फेडरल बैंक, एक्सिस बैंक, रत्नाकर बैंक, यस बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनियन बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, पीएनबी और केनरा बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी UPI को अपना भी लिया है।
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