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LIC IPO के इश्यू साइज का 10 फीसद तक हिस्सा कंपनी के बीमाधारकों के लिए है आरक्षित: अनुराग ठाकुर

LIC IPO राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ठाकुर ने कहा 2021-22 के फाइनेंस बिल में एलआईसी आईपीओ के इश्यू साइज के 10 फीसद तक हिस्सा एक प्रतिस्पर्धी आधार पर एलआईसी के जीवन बीमा पॉलिसीधारकों को देने का प्रस्ताव किया गया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 07:04 AM (IST)
LIC IPO के इश्यू साइज का 10 फीसद तक हिस्सा कंपनी के बीमाधारकों के लिए है आरक्षित: अनुराग ठाकुर
भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ (LIC IPO)

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ (LIC IPO) के इश्यू साइज के 10 फीसद तक का हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को यह बात कही। वित्त राज्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार एलआईसी में बहुसंख्यक शेयरधारक बनी रहेगी। अर्थात कंपनी का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। ठाकुर ने कहा कि शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी सरकार के पास ही रहेगा।

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राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ठाकुर ने कहा, '2021-22 के फाइनेंस बिल में, एलआईसी आईपीओ के इश्यू साइज के 10 फीसद तक हिस्सा एक प्रतिस्पर्धी आधार पर एलआईसी के जीवन बीमा पॉलिसीधारकों को देने का प्रस्ताव किया गया है।'

एक फरवरी को पेश हुए बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ लॉन्च किया जाएगा। अगला वित्त वर्ष 2021-22 एक अप्रैल, 2021 से शुरू होने जा रहा है। बता दें कि एलआईसी संशोधन अधिनियम को वित्त विधेयक का हिस्सा बनाया गया है, जिसमें देश के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता के आईपीओ को लॉन्च करने के लिए आवश्यक विधायी संशोधन लाया गया है।

सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी का प्रबंधन देखने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM)ने एलआईसी के एम्बेडेड मूल्य का पता लगाने के लिए पहले से ही एक्चुरियल फर्म मिलिमन एडवाइजर्स का चयन किया हुआ है। वहीं, Deloitte और SBI Caps को प्री आईपीओ ट्रांजेक्शन एडवाइजर के रूप में नियुक्त किया गया है।

बजट 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया गया है। इस 1.75 लाख करोड़ में से एक लाख करोड़ रुपये सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बेच कर जुटाए जाएंगे। साथ ही 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश प्राप्तियों से आएंगे।

यहां बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश हुए बजट में बीमा कंपनियों पर एफडीआई की सीमा को 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने का प्रस्ताव भी किया गया है। 


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