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टेलीकॉम सेक्टर के लिए राह बनाने में जुटी सरकार, गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली कमान

एयरटेल ने सूचित किया है कि वह 20 फरवरी तक 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 01:00 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 01:00 PM (IST)
टेलीकॉम सेक्टर के लिए राह बनाने में जुटी सरकार, गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली कमान
टेलीकॉम सेक्टर के लिए राह बनाने में जुटी सरकार, गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली कमान

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाये को लेकर शुक्रवार को जो रुख दिखाया है, उसके व्यापक असर को देखते हुए सरकार रास्ता निकालने में जुट गई है। मामले की कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथ में है और कोशिश है कि इस फैसले के संदर्भ में दूरसंचार सेक्टर के लिए एक भावी रोडमैप तैयार किया जाए। रोडमैप में सरकार हर तरह का विकल्प लेकर आगे बढ़ रही है जिसमें वोडाफोन के दिवालिया होने की स्थिति में संभावित हालात से निपटने की योजना भी है। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि ऐसी स्थिति में दूरसंचार क्षेत्र के ग्राहकों के हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।

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Bharti Airtel, Vodafone Idea ने भुगतान का दिया संकेत

दूसरी तरफ, शुक्रवार को Bharti Airtel के बाद शनिवार को Vodafone Idea ने भी एजीआर मद का अपना बकाया भुगतान करने की तैयारी के संकेत दिए हैं। हालांकि कंपनी ने दोहराया है कि भारत में उसका भविष्य पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट की 17 मार्च को होने वाली सुनवाई पर निर्भर करता है।

इस बीच, सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने आदेश के बावजूद शुक्रवार रात तक बकाया भुगतान नहीं करने वाली टेलीकॉम कंपनियों को सोमवार शाम तक की मोहलत देने का मन बनाया है। अगर तब तक भी कंपनियां भुगतान नहीं करती हैं, तो विभाग उन पर कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा।

उधर, उच्चपदस्थ सूत्रों ने इस बात पर चिंता जताई है कि दूरसंचार कंपनियों पर बकाये को लेकर जो माहौल बन रहा है वह इकोनॉमी के लिए सकारात्मक नहीं है। यही वजह है कि केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए उच्चस्तरीय कदम उठाने में जुटी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, संचार मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों की बैठक शुक्रवार से ही शुरू हो गई है। यह स्पष्ट है कि दूरसंचार कंपनियों को बकाया राशि का भुगतान करना होगा, लेकिन इससे जुड़ी दूसरी समस्याओं का भी समाधान निकालना होगा।

शुक्रवार को डीओटी की तरफ से सभी कंपनियों को यह नोटिस जारी किया कि उन्हें शुक्रवार को आधी रात से पहले ही बकाये राशि का भुगतान करना होगा। लेकिन शनिवार को देर शाम तक एक भी कंपनी की तरफ से कोई भी भुगतान नहीं हुआ है। एयरटेल ने सूचित किया है कि वह 20 फरवरी तक 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। सूत्रों का कहना है कि भुगतान नहीं करने की स्थिति में डीओटी उन पर आर्थिक जुर्माने से लेकर उनका लाइसेंस रद करने तक की कार्रवाई कर सकता है।


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