सभी NBFC कंपनियां अब TReDS प्लेटफॉर्म के जरिए MSMEs को दे सकेंगी लोन, कैबिनेट ने दी मंजूरी
कोरोना महामारी के इस काल में सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्योगों के लिए कैश फ्लो और लिक्विडिटी को बनाए रखना सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहा है।
नई दिल्ली, आईएएनएस। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को TReDS प्लेटफार्म के जरिए सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (MSMEs) को डिस्काउंट लोन देने की अनुमति दे दी है। इस फैसले के बाद MSME कंपनियां सरकारी विभागों में बकाया राशि के बदले TReDS प्लेटफार्म पर NBFCs से लोन ले सकेंगी। अभी तक कुछ चुनिंदा एनबीएफसी कंपनियां और बैंक इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध थे और MSMEs को डिस्काउंट लोन दे सकते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि MSME कंपनियों के लिए लिक्विडिटी की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए यह निर्णय किया गया है।
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उन्होंने कहा कि MSMEs को सरकारी विभागों और एजेंसियों से जेनरेट हुए बिल के आधार पर 90 दिन के बाद भुगतान प्राप्त होता है। इससे उनके समक्ष लिक्विडिटी का संकट खड़ा हो जाता है। बकौल जावड़ेकर इस हालिया कदम का लक्ष्य इस तरह के विलंब की स्थिति में नकदी के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करना है।
कोरोना महामारी के इस काल में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों के लिए कैश फ्लो और लिक्विडिटी को बनाए रखना सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहा है। केंद्र सरकार का हालिया कदम सिस्टम में नकदी के प्रवाह को बनाए रखने के लिए उठाए गए तमाम कदमों में शामिल हो गया है।
इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर सब-ऑर्डिनेट डेब्ट की भी शुरुआत की। इसके साथ ही सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये के डिस्ट्रेस्ड एसेट्स फंड को अमल में ला दिया है। इस स्कीम की घोषणा आत्मनिर्भर भारत आर्थिक पैकेज के तहत की गई थी, जिसको लेकर MSME मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।