Move to Jagran APP

UIDAI ने ऑथेंटिकेशन के लिए जारी किया नया फीचर, फिंगरप्रिंट क्लोनिंग पर लगेगी रोक

UIDAI ने व्यक्ति की पहचान के लिए फोटो का चेहरे से मिलान करने सुविधा चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का ऐलान किया गया है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 11:25 AM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 11:36 AM (IST)
UIDAI ने ऑथेंटिकेशन के लिए जारी किया नया फीचर, फिंगरप्रिंट क्लोनिंग पर लगेगी रोक
UIDAI ने ऑथेंटिकेशन के लिए जारी किया नया फीचर, फिंगरप्रिंट क्लोनिंग पर लगेगी रोक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सत्यापन के लिए एक अतिरिक्त फीचर पेश किया है। इसके तहत के व्यक्ति की पहचान के लिए फोटो का चेहरे से मिलान को सुविधा को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का ऐलान किया गया है। इसे सबसे पहले दूरसंचार सेवा कंपनियों के साथ 15 सितंबर से शुरू किया जा रहा है।

loksabha election banner

इससे पहले प्राधिकरण ने पहचान करने की इस सुविधा को एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी। बता दें कि बाद में इसे बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया था। दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों को छोड़कर ऑथेंटिकेशन एजेंसियों को प्राधिकरण ने कहा है कि चेहरे से पहचान करने वाले इस फीचर को लागू करने के लिए विशेष निर्देश जारी किये जाएंगे। हालांकि प्राधिकरण ने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं दी है। यूआईडीएआई ने साथ ही यह भी कहा है कि लाइव फेस फोटो कैप्चर और उसका ईकेवाइसी से प्राप्त फोटो का सत्यापन उन मामलों में जरूरी होगा जहां पर आधार का इस्तेमाल मोबाइल सिम जारी करने के लिए किया जाता है।

यूआईडीएआई का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य फिंगरप्रिंट स्पूफिंग या क्लोनिंग पर रोकथाम लगाना है। साथ ही ऑडिट प्रक्रिया में सख्ती व सिम जारी और एक्टिवेट करने को लेकर सुरक्षा को मजबूत करना है। यूआईडीएआई के एक परिपत्र के अनुसार 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कंपनियों को महीने में कम से कम 10 फीसद सत्यापन चेहरे का लाइव फोटे से मिलान करके करना अनिवार्य होगा।

यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण का कहना है कि दूरसंचार विभाग के निर्देशों के अनुसार अगर सिम बिना आधार के जारी किया जाता है तो यह आदेश लागू नहीं होगा। प्राधिकरण ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए टू फाक्टर ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया के इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया है। जो इंडिविजुअल्स वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करते हैं उनका सत्यापन फिंगरप्रिंट व आइरिस के आधार पर किया जाएगा। जिस स्थिति में फिंगरप्रिंट व आइरिस से सत्यापन मुमकिन नहीं है वहां पर फेस ऑथेंटिकेशन को अतिरिक्त मोड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.