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कोटक समिति ने सेबी को सौंपी कॉरपोरेट गवर्नेंस पर अपनी रिपोर्ट

कॉरपोरेट गवर्नेंस के मामले पर कोटक समिति ने सेबी को कई अहम सुझाव दिए हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 05 Oct 2017 06:03 PM (IST)Updated: Sat, 07 Oct 2017 12:16 PM (IST)
कोटक समिति ने सेबी को सौंपी कॉरपोरेट गवर्नेंस पर अपनी रिपोर्ट
कोटक समिति ने सेबी को सौंपी कॉरपोरेट गवर्नेंस पर अपनी रिपोर्ट

नई दिल्ली (जेएनएन)। कॉरपोरेट गवर्नेंस पर बनी उदय कोटक कमेटी ने गुरुवार को मार्केट रेग्युलेटर सेबी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में उसने स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति में पारदर्शिता के लिए कई बदलावों के सुझाव दिए हैं। साथ ही कंपनी प्रबंधन में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने के लिए भी जोर दिया गया है।

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इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह सही समय है जब एक लिस्टेड कंपनी में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के कामकाज (उनकी भूमिका) का सही से विभाजन कर दिया जाए। इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि लिस्टेड कंपनियों में डॉयरेक्टर स्तर के अधिकारियों की संख्या को घटाकर आठ कर देना चाहिए और कम से कम इनमें से आधे सदस्य इंडिपेंडेंट डायरेक्टर (स्वतंत्र निदेशक) होने चाहिए।

इस रिपोर्ट मे यह भी कहा गया है कि एक लिस्टेड कंपनी में अधिकतम 6 निदेशक होने चाहिए और साथ ही ऐसी हर कंपनी में कम से कम एक महिला इंडिपेंडेंट डायरेक्टर होनी ही चाहिए। कोटक की अगुवाई वाली समिति ने नए मानदंडों की स्थापना करने की कोशिश की है जिसके अंतर्गत लिस्टेड कंपनियों को स्वतंत्र निदेशकों के इस्तीफे के पर्याप्त कारणों का उल्लेख करना होगा।

समिति ने यह सिफारिश भी की है कि बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष 100 कंपनियों को अपने शेयरधारक की बैठक का वेबकास्ट करना चाहिए। इसमें आगे यह भी कहा गया कि गैर-कार्यकारी निदेशक स्तर के अधिकारी 75 वर्ष से अधिक उम्र के बाद बिना किसी वाजिब प्रस्ताव के अपने पद पर नहीं बने रह सकते हैं।


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