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2019 में आर्थिक मोर्चे पर आम आदमी को मिली ये दो बड़ी राहतें, जानें कितना होगा फायदा

वर्ष 2019 का फरवरी महीना देश के आम आदमी के लिए दो बड़ी सौगातें लेकर आया।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 11:54 AM (IST)
2019 में आर्थिक मोर्चे पर आम आदमी को मिली ये दो बड़ी राहतें, जानें कितना होगा फायदा
2019 में आर्थिक मोर्चे पर आम आदमी को मिली ये दो बड़ी राहतें, जानें कितना होगा फायदा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वर्ष 2019 का फरवरी महीना देश के आम आदमी के लिए दो बड़ी सौगातें लेकर आया। एक तरफ जहां सस्ते लोन की उम्मीद तेज हुई वहीं, दूसरी तरफ जमा पर बढ़ी ब्याज दर ने लोगों को खुश होने का मौका दिया। आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की, जिसके बाद बैंक भी अब आम लोगों को सस्ता कर्ज देंगे। वहीं, सरकार ने कर्मचारी प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज दर को 8.55 फीसद से बढाकर 8.65 फीसद कर दिया। ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए लागू होंगी। हम अपनी इस खबर में आम आदमी को मिली इन दोनों सौगातों के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। जानिए, आम आदमी को कहां-कहां मिली राहत।

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आरबीआई के रेट कट के बाद बैंकों ने सस्ता किया लोन: आरबीआई के रेट कट के फैसले के बाद अब तक SBI, PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक बैंक और इलाहाबाद बैंक ब्याज दरों में कटौती कर चुके हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से रेपो रेट में कटौती के बाद अमतौर पर सभी तरह के बैंक भी अपनी ओर से ब्याज दरों में कटौती करते हैं, जिससे कि लोगों के लिए बैंकों से होम लोन और ऑटो लोन लेना सस्ता हो जाता है। 

किन बैंकों ने कितना घटाया ब्याज दर?

  • बैंक ऑफ़ बड़ौदा: बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने आरबीआई की ओर से रेपो रेट कम करने के बाद अपने ब्याज दरों में 0.10 फीसद की कटौती की है।  
  • पीएनबी- 0.10 फीसद: प्रमुख सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने भी ब्याज दरों 0.10 फीसद की कटौती की है।
  • इलाहाबाद बैंक: सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक ने भी ब्याज दरों में 0.10 फीसद की कमी की है।
  • कोटक महिंद्रा बैंक: अन्य बैैंकों की ही तरह कोटक महिंद्रा ने भी अपनी ब्याज दरों में 0.05 फीसद की कटौती की है।
  • एसबीआई: सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज दर को 0.05 फीसद कम कर दिया है।

क्या था आरबीआई एमपीसी का फैसला?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फरवरी माह के शुरुआत में ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की थी। शीर्ष बैंक ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे 6.50 फीसद से घटाकर 6.25 फीसद कर दिया। मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने निकट भविष्य में महंगाई में और कमी आने का अनुमान जताया था।

ईपीएफ जमा पर ब्याज दर?

फरवरी माह के अंत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारी प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज दर को 8.55 फीसद से बढाकर 8.65 फीसद कर दिया। ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए लागू होंगी।

नौकरी पेशा कर्मचारियों को होगा फायदा: EPF पर ब्याज दर बढ़ने से नौकरी-पेशा लोगों को फायदा होगा। बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में करीब 6 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर रजिस्टर्ड हैं। जाहिर तौर पर इतने लोगों को अपने खाते में जमा रकम पर बढ़ा हुआ ब्याज मिलेगा।

कितने समय बाद ईपीएफ की CBT ने लिया बढ़ोतरी का फैसला?

ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को 8.55 फीसद ब्याज दिया था। वित्त वर्ष 2016-17 में 8.65 फीसद और 2015-16 में 8.8 फीसद ब्याज दिया था। वहीं, 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 फीसद थी। 2015-16 के बाद यह पहली बार है, जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है।


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