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आईटी कंपनियां 30,000 से 40,000 मिड-लेवल स्टॉफ की कर सकती है छंटनी: मोहनदास पई

दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड के पूर्व मु्ख्य वित्तीय अधिकारी ने इस छंटनी को पांच साल में एक बार होने वाली इंडस्ट्री की सामान्य घटना करार दिया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 05:58 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 09:47 AM (IST)
आईटी कंपनियां 30,000 से 40,000 मिड-लेवल स्टॉफ की कर सकती है छंटनी: मोहनदास पई
आईटी कंपनियां 30,000 से 40,000 मिड-लेवल स्टॉफ की कर सकती है छंटनी: मोहनदास पई

बेंगलुरु, पीटीआइ। अर्थव्यवस्था में सुस्ती की मार अब आईटी कंपनियों के मिड-लेवल कर्मचारियों पर पड़ने वाली है। आईटी कंपनियां 30,000 से 40,000 मिड-लेवल स्टॉफ की छंटनी कर सकती है। भारत की इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विस कंपनियां सुस्ती के चलते इसी साल इन कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। आईटी इंडस्ट्री के अनुभवी टीवी मोहनदास पई ने सोमवार को यह बात कही है। 

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दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड के पूर्व मु्ख्य वित्तीय अधिकारी ने इस छंटनी को पांच साल में एक बार होने वाली इंडस्ट्री की सामान्य घटना करार दिया है।

पई ने न्यूज एजेंसी पीटीआइ से कहा, 'पश्चिम में सभी सेक्टर्स की तरह ही, इंडिया में भी जब एक सेक्टर परिपक्व होता है, तो उसमें मध्यम श्रेणी के ऐसे की कर्मचारी होते हैं, जो अपने पारिश्रमिक के बराबर योगदान नहीं देते हैं।'

उन्होंने कहा कि जब कंपनी तेजी से विकास कर रही हो, तो प्रमोशन ठीक है, लेकिन जब सुस्ती हो, तो कंपनियों को अपने पिरामिड्स को रिसेट करना पड़ता है और छंटनी भी करनी पड़ती है। पई ने कहा कि यह हर पांच सालों में बार-बार चलता रहता है। 

आरिन कैपटल एंड मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेज के चेयरमैन पई ने कहा, 'कोई भी मोटा वेतन पाने का हकदार नहीं है, जब तक कि वह परफॉर्म नहीं करता...सही? आपको योगदान देना ही होता है। नौकरियां गंंवाने वाले मिड-लेवल के कर्मचारियों की संख्या पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक साल में पूरी इंडस्ट्री में 30,000 से 40,000 कर्मचारी अपनी नौकरी गवां सकते हैं।

हालांकि, पई ने कहा कि नौकरियां गवांने वाले अगर विशेषज्ञ हैं, तो करीब 80 फीसद लोगों को इंडस्ट्रीज में जॉब के मौके मिलेगें।


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