आधार के जरिये वेतन भुगतान करेगा ट्राइडेंट
ट्राइडेंट समूह अपने कर्मचारियों को वेतन भुगतान के लिए आधार पेमेंट ब्रिज [एपीबी] का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला कॉरपोरेट बनेगा। समूह सोमवार को दिल्ली के योजना भवन में इस सुविधा की शुरुआत करेगा। इस अवसर पर योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और यूआइडीएआइ के चेयरमैन नंदन नीलेकणि भी मौजूद रहेंगे। ट्राइडेंट ग्रुप रसायन, पेपर, ऊर्जा, आइटी और टेक्सटाइल सहित कई क्षेत्रों में कारोबार कर रहा है। समूह में 10,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
नई दिल्ली। ट्राइडेंट समूह अपने कर्मचारियों को वेतन भुगतान के लिए आधार पेमेंट ब्रिज [एपीबी] का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला कॉरपोरेट बनेगा। समूह सोमवार को दिल्ली के योजना भवन में इस सुविधा की शुरुआत करेगा। इस अवसर पर योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और यूआइडीएआइ के चेयरमैन नंदन नीलेकणि भी मौजूद रहेंगे। ट्राइडेंट ग्रुप रसायन, पेपर, ऊर्जा, आइटी और टेक्सटाइल सहित कई क्षेत्रों में कारोबार कर रहा है। समूह में 10,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर [डीबीटी] के दायरे में आने वाली 28 योजनाओं सहित केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न स्कीमों के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिये फिलहाल 184 जिलों में रसोई गैस सब्सिडी वितरित की जा रही है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण [यूआइडीएआइ] द्वारा जारी आधार एक ऐसा नंबर है जो सरकारी स्कीमों के अलावा निजी कंपनियों की सेवाएं हासिल करने के लिए भी पहचान के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अब तक देश में कुल 51 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक चार करोड़ से ज्यादा आधार नंबरों को बैंक खातों से जोड़ा जा चुका है। सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित करीब 156 बैंक एपीबी प्लेटफॉर्म के संचालन में भागीदारी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर मांगी राज्यों की राय
क्या है एपीबी
यह एक ऐसी प्रणाली है, जिससे आधार से जुड़े बैंक खातों [एईबीए] में आसानी से भुगतानों का ट्रांसफर होता है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इसे पेमेंट गेटवे के तौर पर तैयार किया है। एपीबी का इस्तेमाल एक जनवरी 2013 से शुरू हो चुका है। अब तक इससे केवल सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सब्सिडी का भुगतान किया जा रहा है।