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MSME को 31 अक्टूबर तक दिया जाना है 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज, अभी तक इसके 50 फीसद का भी भुगतान नहीं

सरकार ने MSME को पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपए के कर्ज देने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) की शुरुआत की थी। इस स्कीम के तहत कर्ज लेने की समय सीमा आगामी 31 अक्टूबर को समाप्त हो रही है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 10:48 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 09:25 AM (IST)
सूक्ष्म, लुघ एवं मद्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई को दिए जाने वाले कर्ज की समय सीमा में बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार ने एमएसएमई को पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपए के कर्ज देने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजी) की शुरुआत की थी। इस स्कीम के तहत कर्ज लेने की समय सीमा आगामी 31 अक्टूबर को समाप्त हो रही है। लेकिन गत 21 सितंबर तक ईसीएलजी स्कीम के तहत 50 फीसद कर्ज का भी भुगतान नहीं हो पाया था।

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उद्यमियों का कहना है कि इस स्कीम के तहत उद्यमी चाहकर भी अधिक कर्ज नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि गत 29 फरवरी को उनके बकाए कर्ज की 20 फीसद राशि के बराबर ही वे इस स्कीम के तहत कर्ज ले सकते हैं।

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सरकार हर हाल में छोटे उद्यमियों को 3 लाख करोड़ रुपए का पूरा कर्ज वितरित करना चाहती है ताकि एमएसएमई के माध्यम से देश के जीडीपी में जान फूंकी जा सके। देश के जीडीपी में एमएसएमई का योगदान लगभग 30 फीसद है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसद की गिरावट के बाद एमएसएमई को और मदद की जरूरत दिख रही है। इसलिए सरकार कर्ज लेने की समय सीमा में विस्तार देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। वहीं कर्ज लेने की मात्रा में भी बढ़ोतरी पर विचार किया जा रहा है ताकि 3 लाख करोड़ के कर्ज वितरण का काम इस साल पूरा हो सके।

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गत 21 सितंबर तक सिर्फ 25,74,181 एमएसएमई को ही कर्ज का आवंटन किया गया। इन्हें 1,77,353 करोड़ रुपए के कर्ज देने की मंजूरी दी गई और उनमें से 1,25,425 करोड़ रुपए कर्ज का भुगतान किया गया।

एमएसएमई विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा नहीं है कि छोटे उद्यमियों व कारोबारियों को कर्ज नहीं चाहिए। आवश्यक वस्तु से जुड़े सभी क्षेत्र कोरोना पूर्व के स्तर पर आ गए हैं। त्योहारी सीजन सामने है और उन्हें कारोबार को पटरी पर लाने के लिए नकदी की सख्त जरूरत है। लेकिन कर्ज की शर्त की वजह से वे अधिक कर्ज नहीं ले पा रहे हैं।


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