शेयर बाजार में आई भारी गिरावट, ये रहे 5 बड़े कारण
एफआईआई की निकासी और आरबीआई की एमपीसी बैठक के फैसले के असर के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारणों के चलते भारतीय शेयर बाजार में गिरावट लगातार तीसरे दिन जारी है। आरबीआई की पॉलिसी बैठक के बाद गिरावट दिखाने वाले सेंसेक्स-निफ्टी में आज भी हालात ठीक नहीं हैं। दिन के 3 बजकर तीन मिनट पर सेंसेक्स को 520 अंकों की गिरावट के साथ 35,363 पर और निफ्टी को 172 अंकों की गिरावट के साथ 10,610 पर कारोबार करता देखा गया। शेयर बाजार में इस बड़ी गिरावट के 5 प्रमुख कारण हैं।
फिच का ग्रोथ अनुमान: गुरुवार को प्रमुख रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के जीडीपी ग्रोथ पूर्वानुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर 7.2 फीसद कर दिया है। एजेंसी ने ऐसा उच्च वित्त पोषण लागत और क्रेडिट उपलब्धता में कमी का हवाला देते हुए किया है। अपने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में फिच ने अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 को लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ क्रमश: 7 और 7.1 फीसद रह सकती है। इससे पहले फिच ने जून महीने में अनुमान लगाया था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 7.4 फीसद और वित्त वर्ष 2019-20 में 7.5 फीसद रह सकती है।
रुपये की कमजोरी: गुरुवार के कारोबार में रुपये में कमजोरी दिखाई दी। आज दिन के शुरुआती कारोबार में रुपया 54 पैसे टूटकर एक बार फिर से डॉलर के मुकाबले 71 के स्तर पर पहुंच गया। दोपहर के 2 बजकर 53 मिनट पर रुपया डॉलर के मुकाबले 71.03 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया। इसके पहले रुपया हाल ही में मजबूती दिखाते हुए 70 के स्तर के नीचे चला गया था। वहीं फिच रेटिंग ने अनुमान लगाया है कि रुपया 2019 के अंत तक 75 का स्तर छू सकता है।
एफआईआई की निकासी: कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के प्रमुख रवि सिंह ने बताया कि आज शेयर बाजार की गिरावट में एफआईआई की निकासी भी काफी अहम है। सिर्फ आज के कारोबार में 1,80,447 लाख करोड़ की निकासी हो चुकी है। वहीं बीते तीन से पांच दिन के कारोबार की अगर बात करें तो करीब 5 लाख करोड़ के आस पास की निकासी हो चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय इक्विटी मार्केट पर दबाव: सिंह ने बताया शेयर बाजार की आज की गिरावट में अंतरराष्ट्री इक्विटी मार्केट पर जारी दबाव भी काफी अहम माना जा रहा है। 19 दिसंबर को फेडरल रिजर्व की एक बैठक है जिसमें ब्याज दरों में परिवर्तन की संभावना लगभग न के बराबर मानी जा रही है। इस वजह से इक्विटी फंड और गिरावट दिखा सकते हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार में भी दबाव के इनकार नहीं किया जा सकता है।
आरबीआई की एमपीसी बैठक: 5 दिसंबर को समाप्त हुई आरबीआई की तीन दिवसीय बैठक में नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया गया। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। आरबीआई की एमपीसी बैठक के फैसले के बाद 350 अंक टूट चुका थोड़ा सेंसेक्स संभलते हुए 249 अंकों की गिरावट के साथ 35,884 पर और निफ्टी 86 अंकों की कमजोरी के साथ 10,782 पर बंद हुआ। गुरुवार का कारोबार खत्म होने पर सेंसेक्स 572 अंक टूटकर 35,312 पर और निफ्टी 190 अंक लुढ़ककर 10,592 पर बंद हुआ।