मकानों की मांग में बढ़ोतरी के स्पष्ट संकेत, नवंबर में मकानों की बिक्री में बढ़ोतरीः निरंजन हीरानंदानी
Real Estate Sector नारेडको के मुताबिक ग्राहक अब पहले के मुकाबले बड़े घर खरीद रहे हैं। बच्चों के स्कूल कालेज भी घर से संचालित होने से घर के सभी सदस्य को अलग जगह की जरूरत महसूस हो रही है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना संकट के दौर में हर सेक्टर में वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) की मजबूरी एवं होम लोन की ब्याज दरें पिछले 15 वर्षों के निचले स्तर पर आने से मकानों की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। घर से ऑफिस के काम एवं बच्चों के स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई चलने से बड़ी संख्या में लोग बड़़े मकानों की तलाश कर रहे हैं। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) एवं उद्योग संगठन एसोचैम के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने बताया कि डब्ल्यूएफएच के इस नए दौर में इस वर्ष नवंबर में मकानों की बिक्री पिछले वर्ष इसी अवधि के मुकाबले 57 फीसद बढ़ी।
उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी उस समय हुई है जब सर्विस सेक्टर जैसे कि होटल, टूरिज्म की स्थिति अच्छी नहीं है। हीरानंदानी को दिसंबर में भी बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है, लेकिन उनका कहना है कि पूरे वित्त वर्ष के दौरान बिक्री पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम रहेगी।
नारेडको के मुताबिक ग्राहक अब पहले के मुकाबले बड़े घर खरीद रहे हैं। बच्चों के स्कूल कालेज भी घर से संचालित होने से घर के सभी सदस्य को अलग जगह की जरूरत महसूस हो रही है। दूसरी तरफ, हीरानंदानी के मुताबिक पिछले 15 वर्षों में ब्याज दर में कभी इतनी कमी नहीं देखी गई।
छोटे व सस्ते मकानों पर तो सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है। इन सभी वजहों से मकानों की बिक्री में तेजी आई है।गुरुवार को रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी जेएलएल की जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अब तक मकानों की बिक्री में जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले 51 फीसद का इजाफा रहा। रियल एस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों का रुझान पूरी तरह से रेडी टु मूव यानी रहने के लिए तैयार मकान को लेकर हैं। नए प्रोजेक्ट में खरीदार कम दिलचस्पी ले रहे हैं।