रेहड़ी पटरी वालों को लोन देने के लिए सरकारी बैंकों पर है काफी दबाव, पीएम आज करेंगे ‘स्वनिधि संवाद’
Loans For Street Vendor यह योजना करीब 50 लाख रेहड़ी पटरी वालों की मदद के लिए 10000 रुपये के बिना जमानती लोन की पेशकश करती है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को मध्यप्रदेश में रेहड़ी पटरी वालों के साथ ‘स्वनिधि संवाद’ करेंगे। भारत सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित गरीब रेहड़ी पटरी वालों को फिर से रोजगार से जोड़ने के लिए 1 जून, 2020 से पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की थी। अब सरकारी स्वामित्व वाले बैंक रेहड़ी पटरी वालों को तेजी से लोन बांटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ताकि पीएम के कार्यक्रम से पहले लोन्स की संख्या बढ़ाई जा सके।
पीएम स्वनिधि योजना को कोरोना वायरस राहत पैकेज के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था। यह योजना करीब 50 लाख रेहड़ी पटरी वालों की मदद के लिए 10,000 रुपये के बिना जमानती लोन की पेशकश करती है, लेकिन बुरे कर्ज से जूझ रहे बैंक यह कर्ज देने से हिचकचा रहे थे। हालांकि, पीएम के कार्यक्रम से पहले लोन बांटने में सरकारी बैंक जबरदस्त तेजी दिखा रहे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले और देखे गए एक पत्र से यह जानकारी दी है।
पीएम मोदी के एमपी दौरे के परिप्रेक्ष्य में बैंक ऑफ इंडिया ने एक पत्र में अपने कुछ वरिष्ठ कर्मचारियों से कहा, 'राज्य की सभी बैंक ब्रांचों को स्ट्रीट वेंडर स्कीम के तहत आए सभी आवेदनों को तत्काल स्वीकार कर बिना किसी देरी के लोन बाटने की आवश्यकता है।'
रॉयटर्स ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक द्वारा मध्य प्रदेश के कर्मचारियो को भेजे गए इस तरह के ईमेल भी देखे हैं, जिनमें मंगलवार तक लोन अप्रूव करने और बांटने की बात कही गई थी।
हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक ने इस बारे में टिप्पणी करने के निवेदन का कोई तत्काल जवाब नहीं दिया है। रॉयटर्स द्वारा देखे गए एक ईमेल और एक बैंकर के अनुसार, रविवार को सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों की कई ब्रांचें लोन बांटने के लिए खुली रहीं।
नाम ना छापने की शर्त पर दो सूत्रों ने बताया कि टारगेट पूरा नहीं होने पर बैंकर्स को जुर्माने की चेतावनी भी दी गई है। सरकारी स्वामित्व वाले बैंक के एक बैंकर ने कहा, 'सरकार और उच्च प्रबंधन की ओर से इन लोन्स को अभी जारी करने का काफी दबाव है।'
(यह खबर रॉयटर्स की रिपोर्ट पर आधारित है)