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मार्च में रिकॉर्ड GST संग्रह ने बदली तस्वीर, बदलते हालात में 9.3 फीसद पर रुक सकता है राजकोषीय घाटे का आंकड़ा

मार्च 2021 में सरकार ने खर्च बढ़ाया है बावजूद इसके हालात सुधर रहे हैं। कॉरपोरेट सेक्टर ने भी काफी दम दिखाया है और पहली छमाही के संकट के बाद दूसरी छमाही में उन्होंने काफी जबरदस्त प्रदर्शन किया है। मोटे तौर पर राजकोषीय घाटे का आंकड़ा अनुमान से ज्यादा बेहतर होगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 08:17 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:03 AM (IST)
मार्च में रिकॉर्ड GST संग्रह ने बदली तस्वीर, बदलते हालात में 9.3 फीसद पर रुक सकता है राजकोषीय घाटे का आंकड़ा
प्रतीकात्मक तस्वीर ( P C : Flickr )

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड महामारी के दूसरे चरण से नई चुनौतियों के पैदा होने की आशंका है, लेकिन इस बीच सरकारी खजाने की ओर से आ रही खबरें उत्साहित करने वाली हैं। वित्त मंत्रालय के अधिकारी मान रहे हैं कि पिछले वित्त वर्ष के अंतिम छह महीनों के दौरान डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में व्यापक सुधार से पूरे वर्ष के राजकोषीय घाटे की तस्वीर अनुमान से बेहतर होगी। 2021-22 में भी हालात बेहतर रहेंगे।

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महंगाई की बढ़ती चुनौती के बीच राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर सुधरती तस्वीर वित्त मंत्रालय के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। राजस्व व आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव तरुण बजाज ने शुक्रवार को कहा कि सभी तरह के कर संग्रह को लेकर आंकड़ों का अंतिम तौर पर आकलन अभी शेष है, लेकिन जो संकेत हैं, उनसे साफ है कि हमारे राजस्व की स्थिति अनुमान से बेहतर होगी।

मार्च, 2021 में सरकार ने खर्च बढ़ाया है, बावजूद इसके हालात सुधर रहे हैं। कॉरपोरेट सेक्टर ने भी काफी दम दिखाया है और पहली छमाही के संकट के बाद दूसरी छमाही में उन्होंने काफी जबरदस्त प्रदर्शन किया है। मोटे तौर पर राजकोषीय घाटे का आंकड़ा अनुमान से ज्यादा बेहतर होगा। वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में वास्तविक राजकोषीय घाटा पूरे साल के दोबारा निर्धारित लक्ष्य का 76 फीसद रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय घाटा जीडीपी के 9.5 फीसद पर रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन अब इसके 9.3 फीसद पर रहने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 6.8 फीसद पर रखने का लक्ष्य है। अगर कोविड का नया दौर घरेलू इकोनॉमी को ज्यादा प्रभावित नहीं करता है, तो स्थिति और बेहतर रह सकती है।

सुधरे हालात के पीछे वित्त मंत्रालय के अधिकारी मुख्य तौर पर जीएसटी संग्रह में संतोषजनक वृद्धि को कारण मान रहे हैं। कोरोना की वजह से पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत जीएसटी संग्रह के लिहाज से काफी खराब हुई थी। अप्रैल, 2020 में सिर्फ 32172 करोड़ रुपये का जीएसटी का संग्रह हुआ था, लेकिन अक्टूबर, 2020 के बाद से इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। मार्च, 2021 में यह 1,23,902 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार लगातार छह महीनों तक जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी संग्रह के आंकड़े काफी उत्साहित करने वाले हैं और पिछले कुछ महीनों के दौरान जीएसटी संग्रह बढ़ाने के जो उपाय किए गए हैं, उन्हें आगे भी तत्परता से लागू करने की तैयारी है। इस दिशा में फेक जीएसटी इनवॉयस वालों का खेल पूरी तरह खत्म करने पर जोर रहेगा।


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