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दूसरी छमाही से नजर आने लगेगा Corporate Tax में कमी का असर, बढ़ेगी GDP: ICICI Securities

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ICICI Securities का मानना है कि दूसरी छमाही में GDP की वृद्धि दर बढ़ने से पूरे साल की जीडीपी की दर 6.2 से 6.4 फीसद रहने का अनुमान है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 08:28 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 10:12 AM (IST)
दूसरी छमाही से नजर आने लगेगा Corporate Tax में कमी का असर, बढ़ेगी GDP: ICICI Securities
दूसरी छमाही से नजर आने लगेगा Corporate Tax में कमी का असर, बढ़ेगी GDP: ICICI Securities

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाने का फैसला देश की जीडीपी पर सीधा असर डालेगा। ICICI बैंक समूह की मार्केट रिसर्च एजेंसी आइसीआइसीआइ सिक्युरिटीज का मानना है कि इसका असर दूसरी छमाही से ही दिखना शुरू हो जाएगा। एजेंसी ने इसकी वजह से दूसरी छमाही में जीडीपी में 40 से 80 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि का अनुमान लगाया है। इंडियन इकोनॉमी शीर्षक से तैयार अपनी ताजा रिपोर्ट में आइसीआइसीआइ सिक्युरिटीज ने कहा है कि सरकार के कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 22 परसेंट करने से कंपनियों की तरफ से इकोनॉमी में प्रवाह बढ़ेगा।

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एजेंसी के मुताबिक कंपनियां इससे नया निवेश करने को प्रोत्साहित होंगी, इसका लाभ ग्राहकों को दे सकेंगी और इस तरह के अन्य उपाय कर सकती हैं। इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के आखिर तक जीडीपी की दर पहले से अनुमानित 6.9 परसेंट के बजाय 7.3 से 7.7 परसेंट की रेंज में रह सकती है।

जहां तक वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी के अनुमान का सवाल है, तो एजेंसी का मानना है कि दूसरी छमाही में जीडीपी की वृद्धि दर बढ़ने से पूरे साल की जीडीपी की दर 6.2 से 6.4 परसेंट रहने का अनुमान है। एजेंसी ने सितंबर, 2019 में ही जीडीपी की वृद्धि दर में संशोधन करते हुए छह परसेंट का अनुमान लगाया था।एजेंसी की रिपोर्ट कहती है कि कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी से इसमें इजाफे की उम्मीद है।

एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए भी तेज विकास दर का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट टैक्स में कमी का पूरा असर अगले वित्त वर्ष में दिखेगा। इसलिए एजेंसी ने ग्रोथ का अपना आउटलुक अगले वित्त वर्ष के लिए 6.6 परसेंट से बढ़ाकर सात परसेंट कर दिया है। इस परिदृश्य में एजेंसी का मानना है कि सरकार का राजकोषीय घाटा कुछ बढ़कर 3.8 परसेंट तक जा सकता है।

हालांकि, रिपोर्ट में रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दर में और कमी की उम्मीद भी की गई है। एजेंसी मानती है कि अक्टूबर, 2019 में मोनेटरी पॉलिसी की समीक्षा में मोनेटरी पॉलिसी कमेटी रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की और कटौती कर सकती है।


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