Bharti Infratel ने इंडस टावर्स के साथ विलय की समय सीमा को 31 अगस्त तक आगे बढ़ाया
योजना को पूरा करने के लिए आवश्यक स्थिति 24 जून 2020 तक नहीं बन पायी है इसलिए निदेशक मंडल ने समयसीमा को 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी भारती इन्फ्राटेल (Bharti Infratel) ने बुधवार को इंडस टावर्स के साथ विलय की समयसीमा को दो महीने से भी अधिक समय के लिए 31 अगस्त तक बढ़ाने का फैसला लिया है। यह निर्णय कंपनी के बोर्ड द्वारा लिया गया है। कंपनी के बोर्ड ने बुधवार को बैठक आयोजित की और इंडस व भारती इंफ्राटेल के बीच अरेंजमेंट की योजना की स्थिति पर विचार किया।
कंपनी ने एक बीएसई फाइलिंग में कहा, 'योजना को पूरा करने के लिए आवश्यक स्थिति 24 जून 2020 तक नहीं बन पायी है, इसलिए निदेशक मंडल ने समयसीमा को 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दिया है।' भारती इंफ्राटेल ने आगे कहा कि योजना को लागू करने का अंतिम निर्णय बोर्ड के द्वारा कंपनी और उसके हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
यह विलय समायोजित सकल राजस्व (AGR) मामले में सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय पर भी निर्भर है। अगर सुप्रीम कोर्ट वोडाफोन-आइडिया, सहित टेलिकॉम कंपनियों के पक्ष में निर्णय नहीं लेता है, तो इंडिया-यूके की टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया अपना संचालन बंद कर सकती है। इससे विलय पर फर्क पड़ेगा। भारती इंफ्राटेल और इंडस दोनों ही वोडाफोन-आइडिया को अपना बड़ा ग्राहक मानती है। टेलिकॉम कंपनी के बंद होने से दोनों टावर कंपनियों को बड़ा झटका लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को एजीआर मामले की अगली सुनवाई को जुलाई के तीसरे हफ्ते तक आयोजित करने का निर्णय लिया था। कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों और सरकार को बैलेंस लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के बकाया भुगतान के लिए एक रोडमैप को अंतिम रूप देने का निर्देश भी दिया था। इससे पहले भारती इंफ्राटेल ने 11 जून को अपनी बोर्ड बैठक को टाल दिया था, जो कि इंडस टावर्स के साथ विलय पर अंतिम निर्णय लेने के लिए आयोजित होनी थी।