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असेसी को परेशान करने वाले आयकर अधिकारियों पर लगेगी लगाम, अफसरों से होगा फेसलेस संपर्क

निर्मला सीतारमण का कहना है कि अगर किसी नोटिस पर डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर नहीं है तो असेसी उसे स्वीकार न करे। असेसी साफ कह सकता है कि वह इसे मानने को तैयार नहीं है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 01:17 PM (IST)
असेसी को परेशान करने वाले आयकर अधिकारियों पर लगेगी लगाम, अफसरों से होगा फेसलेस संपर्क
असेसी को परेशान करने वाले आयकर अधिकारियों पर लगेगी लगाम, अफसरों से होगा फेसलेस संपर्क

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इकोनॉमी के अलग-अलग क्षेत्रों में आसन्न मंदी को टालने के उपाय करने के साथ-साथ सरकार कारोबारियों का भरोसा बढ़ाने में भी जुट गई है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए उन टैक्स अफसरों पर लगाम कसने की तैयारी है जो असेसी को बेवजह परेशान करते हैं। इसके तहत डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के अफसरों के असेसी के साथ होने वाले संपर्क को फेसलेस बनाया जा रहा है। फेसलेस संपर्क का मतलब यह है कि अब असेसी को टैक्स अधिकारियों के समक्ष हर छोटी-छोटी बातों के लिए पेश नहीं होना पड़ेगा।

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सूत्रों ने कहा कि इनडायरेक्ट टैक्स के संबंध में जीएसटी में इसकी पहल की जा रही है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआइसी) के ‘जीएसटी संपर्क एप’ के जरिये टैक्सपेयर्स और टैक्स अधिकारियों के बीच संपर्क फेसलेस होगा। रिटर्न की स्क्रूटनी की प्रक्रिया भी फेसलेस होगी। इस एप के अधिकाधिक इस्तेमाल के लिए सीबीआइसी अधिकारियों को जागरूक बना रहा है।

सीबीआइसी के साथ-साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी इस साल दशहरे से फेसलेस स्क्रूटनी की शुरुआत करने जा रहा है। इसके तहत असेसी को यह मालूम नहीं होगा कि उसका असेसमेंट कौन सा अधिकारी कर रहा है। इसी तरह टैक्स अधिकारी भी किसी असेसी को अपने दफ्तर नहीं बुला सकेंगे। खास बात यह है कि फेसलेस स्क्रूटनी की प्रक्रिया में असेसी को जो भी नोटिस या आदेश जाएंगे वे एक कंप्यूटर सिस्टम से जनरेट होंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि अगर किसी नोटिस पर डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर नहीं है तो असेसी उसे स्वीकार न करे। असेसी साफ कह सकता है कि वह इसे मानने को तैयार नहीं है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब हाल में विपक्ष ने सरकार पर टैक्स अधिकारियों द्वारा कारोबारियों को परेशान करने का आरोप लगाया है।

खासकर हाल ही में एक प्रसिद्ध कारोबारी की आत्महत्या के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर हरासमेंट यानी उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। इसी तरह स्टार्ट-अप्स को भी बड़ी संख्या में इनकम टैक्स के नोटिस गए हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कहना पड़ा कि सरकार वैल्थ क्रिएटर्स का सम्मान करती है। इसके बाद ही वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।


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