ITR और सेवा कर रिटर्न के बीच के अंतर की जांच करेंगे कर अधिकारी
वित्त वर्ष 2016-17 के विवरणों में भी यह अंतर पाया गया है जिसके संबंध में क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ डेटा को साझा किया गया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। राजस्व विभाग ने कर अधिकारियों से कहा है कि वे कंपनियों के आयकर रिटर्न और सेवा कर रिटर्न के बीच अंतर की जांच करें। यह जांच वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 के आईटीआर और सर्विस टैक्स रिटर्न के बीच के अंतर की की जानी है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन पीके दास ने क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा है कि वित्त वर्ष 2015-16 के कारोबार के संदर्भ में आयकर रिटर्न/स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के आंकड़ों एवं सेवा कर रिटर्न में सेवाओं के घोषित मूल्यों के बीच 12 लाख करोड़ रुपए का अंतर है।
वित्त वर्ष 2016-17 के विवरणों में भी यह अंतर पाया गया है, जिसके संबंध में क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ डेटा को साझा किया गया है। कर अधिकारियों से आंकड़ों को जल्द से जल्द सत्यापित करने और इसकी रिपोर्ट सीबीआईसी को करने का आदेश देते हुए दास ने कहा, "इतना बड़ा अंतर राजस्व के नुकसान के संकेत देता है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।"
आयकर रिटर्न तथा सेवा कर रिटर्न में अंतर पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) के संदर्भ में सामने आया है। जांच में पाया गया है कि सेवा कर के तहत पैन या तो पंजीकृत ही नहीं हैं या अगर पंजीकृत हैं तो उनके जरिए सेवा कर रिटर्न नहीं भरे गए हैं। कुछ मामलों में आईटीआर या टीडीएस तथा सेवा कर रिटर्न के बीच घोषित कारोबारी मूल्य के बीच अंतर पाया गया है। सेवा कर को वस्तु एवं सेवा कर में समाहित कर दिया गया है जिसे 1 जुलाई 2017 से देश भर में लागू कर दिया गया था।