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ई-वे बिल व्यवस्था की सुगमता के लिए निगरानी रख रहे हैं टैक्स अधिकारी

सीबीआइसी के अनुसार शुरुआती 20 दिनों में ही डेढ़ करोड़ से अधिक ई-वे बिल जेनरेट किए जा चुके हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 11:29 AM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 12:45 PM (IST)
ई-वे बिल व्यवस्था की सुगमता के लिए निगरानी रख रहे हैं टैक्स अधिकारी
ई-वे बिल व्यवस्था की सुगमता के लिए निगरानी रख रहे हैं टैक्स अधिकारी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी चोरी रोकने के इरादे से ‘ई-वे बिल’ लागू करने के बाद सरकार अब यह सुनिश्चित करने में जुट गयी है कि इस व्यवस्था से व्यापारियों को किसी भी तरह की दिक्कत न आए। इसी दिशा में कदम उठाते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (सीबीआइसी) की अध्यक्ष वनजा एन. सरना ने जीएसटी के मुख्य आयुक्तों को ई-वे बिल के क्रियान्वयन की निरंतर निगरानी करने और व्यापारियों को आने वाली दिक्कतों को तत्काल दूर करने का निर्देश दिया है।

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सूत्रों के अनुसार सरना ने सीबीआइसी के शीर्ष अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ कहा है कि अगर किसी राज्य के किसी क्षेत्र में या किसी वस्तु की ढुलाई के लिए ई-वे बिल जेनरेट करने में दिक्कत आ रही है तो वे संबंधित राज्य के टैक्स अधिकारियों के साथ संपर्क कर उसे तत्काल दूर करें। उनका कहना है कि रीयल टाइम मॉनिटरिंग के जरिये ई-वे बिल का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सकेगा जिससे देश में कारोबार करने की प्रक्रिया भी सरल और सुगम बनेगी।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के माल की ढुलाई के लिए ई-वे बिल साथ में होना आवश्यक है। जीएसटी काउंसिल ने इस साल 10 मार्च को हुई बैठक में एक अप्रैल से देश भर में इंटरस्टेट व्यापार के लिए ई-वे बिल लागू हुआ है। इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल का क्रियान्वयन चुनिंदा राज्यों में चरणबद्ध ढंग से लागू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड समेत अब तक 12 राज्यों में इंट्रास्टेट व्यापार के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था लागू कर दी है।

सीबीआइसी के अनुसार शुरुआती 20 दिनों में ही डेढ़ करोड़ से अधिक ई-वे बिल जेनरेट किए जा चुके हैं। हर दिन औसतन 11 लाख ई-वे बिल जेनरेट हो रहे हैं। माना जा रहा है कि जब बाकी राज्यों में भी इंट्रास्टेट कारोबार के लिए ई-वे बिल लागू किया जाएगा तो यह आंकड़ा दोगुने से अधिक हो सकता है।


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