Tata Group-Cyrus Mistry Case: सुप्रीम कोर्ट ने Tata Sons के पक्ष में सुनाया फैसला, जानें इस निर्णय से जुड़ी हर जरूरी बात
सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और कंपनी के बोर्ड के डायरेक्टर पद से हटाए जाने के फैसले को शुक्रवार को सही करार दिया। देश के शीर्ष न्यायालय ने इस हाई-प्रोफाइल कॉरपोरेट मामले में Tata Sons के पक्ष में फैसला सुनाया।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और कंपनी के बोर्ड के डायरेक्टर पद से हटाए जाने के फैसले को शुक्रवार को सही करार दिया। देश के शीर्ष न्यायालय ने इस हाई-प्रोफाइल कॉरपोरेट मामले में Tata Sons के पक्ष में फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद पर मिस्त्री को बहाल किए जाने के NCLAT के फैसले को रद्द कर दिया। पीठ ने कहा, ''नेशनल कंपनी लॉ अपेलैट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के 18 दिसंबर, 2019 के फैसले को रद्द किया जाता है।''
Tata Sons-Cyrus Mistry case: Supreme Court in its judgement says that all the appeals filed by Tata Sons against Cyrus Mistry are allowed. Leave it to Tata Sons, Mistry to take the legal route to resolve issues of shares, adds SC.— ANI (@ANI) March 26, 2021
पिछले साल 17 दिसंबर को शपूरजी पल्लोनजी (SP) ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के चेयरमैन पद से मिस्त्री को हटाया जाने को कॉरपोरेट गवर्नेंस के सिद्धांतों के खिलाफ बताया था।
Tata Sons ने SP ग्रुप की इस दलील का पुरजोर विरोध किया और कहा कि किसी तरह का गलत काम नहीं हुआ है और बोर्ड ने अपने अधिकार में रहते हुए मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 10 जनवरी को टाटा ग्रुप को राहत देते हुए Tata Sons के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन पद पर मिस्त्री को बहाल किए जाने के NCLAT के फैसले पर स्थगन लगा दिया था।
मिस्त्री ने 2012 में रतन टाटा का स्थान लिया था लेकिन चार साल बाद उन्हें हटा दिया गया था।
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