Move to Jagran APP

लॉकडाउन के बाद चीनी उद्योग को मांग में उछाल की उम्‍मीद, मिलों में चालू है सैनिटाइजर का प्रोडक्‍शन

देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से चीनी की घरेलू बाजार में बिक्री बहुत कम हो गई है और निर्यात ठप पड़े हुए हैं।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 08:32 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 07:01 PM (IST)
लॉकडाउन के बाद चीनी उद्योग को मांग में उछाल की उम्‍मीद, मिलों में चालू है सैनिटाइजर का प्रोडक्‍शन
लॉकडाउन के बाद चीनी उद्योग को मांग में उछाल की उम्‍मीद, मिलों में चालू है सैनिटाइजर का प्रोडक्‍शन

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना की महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से चीनी की घरेलू बाजार में बिक्री बहुत कम हो गई है और निर्यात ठप पड़े हुए हैं। देश की ज्यादातर मिलों में पेराई बंद होने के कगार पर है। चल रही चीनी मिलों में पूरी क्षमता से एथनॉल से सैनिटाइजर बनाया जा रहा है। चीनी उद्योग को लॉकडाउन के बाद चीनी की मांग में इजाफा होने की उम्मीद है। 

loksabha election banner

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में अब तक कुल 247.80 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया गया है। पिछले साल इसी अवधि में 311 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। इस समय देशभर में केवल 137 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है, जिनमें से ज्यादातर उत्तर भारत की हैं। हालांकि पिछले साल इस समय तक देश में 172 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। 

कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण चीनी की घरेलू मांग में कमी आई है। होटल, दुकानें, रेस्टोरेंट और मॉल बंद हैं। चीनी उद्योग के मुताबिक लॉकडाउन खुलने के बाद चीनी की खपत वाली बड़ी कंपनियों में इसी मांग बढ़ सकती है। तथ्य यह है कि चीनी की कुल घरेलू खपत का 60 फीसद से अधिक हिस्सा बड़ी कंपनियों में जाता है। कोविड-19 के वैश्विक प्रकोप के चलते चीनी की निर्यात मांग ठप सी है। जबकि वैश्विक बाजार में चीनी के मूल्य में भारी गिरावट का रुख है। हालांकि रुपये के अवमूल्यन का फायदा चीनी निर्यातकों को मिल सकता है। जिन मिलों को चीनी निर्यात का दायित्व सौंपा गया था, उनके सौदे भी पूरे नहीं किए जा सके हैं। चीनी उद्योग ने उसकी निर्यात अवधि को बढ़ाने की मांग की है। 

इस्मा की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 अप्रैल तक चालू पेराई सीजन में उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों में कुल 108.5 लाख टन का उत्पादन हो गया था, जो पिछले साल के पेराई सीजन की इसी अवधि के मुकाबले तीन लाख टन अधिक है। राज्य में अभी तक 98 मिलों में पेराई जारी है। 

महाराष्ट्र की केवल 10 मिलों में पेराई चल रही है। अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा व राजस्थान में कुल मिलाकर 15 अप्रैल तक 31.86 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.