अक्टूबर-दिसंबर 21 में चीनी निर्यात लगभग 4 गुना बढ़कर 17 लाख टन हो गया
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने एक बयान में कहा बाजार की रिपोर्ट और बंदरगाह की जानकारी के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान लगभग 17 लाख टन चीनी का भौतिक रूप से निर्यात किया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशों से अधिक मांग के कारण अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान भारत का चीनी निर्यात लगभग चार गुना बढ़कर 17 लाख टन हो गया। अब तक मिलों द्वारा निर्यात के लिए 38-40 लाख टन का अनुबंध किया गया है। मिलें अब आगे के अनुबंधों के लिए वैश्विक कीमतों में सुधार का इंतजार कर रही हैं।
चीनी मार्केटिंग वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने एक बयान में कहा, बाजार की रिपोर्ट और बंदरगाह की जानकारी के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान लगभग 17 लाख टन चीनी का भौतिक रूप से निर्यात किया गया है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान लगभग 4.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था। इस महीने लगभग 7 लाख टन चीनी निर्यात के लिए पाइपलाइन में है।
इस्मा ने कहा, सीएस ब्राजील में आगामी सीजन 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में अपेक्षित रूप से बेहतर होने की खबरों के बीच, कच्ची चीनी की वैश्विक कीमत में और गिरावट आई है और मौजूदा समय में यह 5 महीने के निचले स्तर लगभग 18 सेंट/पाउंड पर है। .एसोसिएशन के अनुसार, भारतीय मिलें उपयुक्त समय की प्रतीक्षा कर रही हैं और आगे के निर्यात अनुबंधों में प्रवेश करने की कोई जल्दी नहीं है, अब तक 38-40 लाख टन से अधिक पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने कहा कि देश ने चालू 2021-22 मार्केटिंग वर्ष की 1 अक्टूबर, 2021 से 15 जनवरी, 2022 की अवधि के बीच 151.41 लाख टन स्वीटनर का उत्पादन किया है, जबकि पिछले मार्केटिंग वर्ष इसी अवधि में 142.78 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
ISMA ने कहा कि महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने 15 जनवरी 2022 तक 58.84 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले मार्केटिंग वर्ष की समान अवधि में यह 51.55 लाख टन था। उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 15 जनवरी तक घटकर 40.17 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 42.99 लाख टन था।
कर्नाटक में, 15 जनवरी, 2022 तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 33.20 लाख टन हो गया, जबकि पिछले विपणन वर्ष की इसी अवधि में यह 29.80 लाख टन था।