अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं शेयर बाजार की परेशानियां
आइएलएंडएफएस के संकट से भी बाजार को उबरने में लगेगा समय, जारी रह सकती है गिरावट
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एक ही दिन में 1500 अंकों की उतार-चढ़ाव से गुजरे शेयर बाजार की परेशानियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। आइएलएंडएफएस ग्रुप के संकट के साथ-साथ अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना फिलहाल बाजार के रुख को नरम ही रख सकती है।
शुक्रवार को बाजार में आई गिरावट की मुख्य वजहों में एक कारण डीएचएफएल के शेयरों में तेज गिरावट थी जो कंपनी की ओर से आइएलएंडएफएस के बांड बेचने से बनी घबराहट की वजह से आई। जिन कंपनियों ने अभी ऐसा नहीं किया है उनकी तरफ से आने वाले दिनों में बांड की बिक्री किए जाने की संभावना बनी हुई है। बाजार के जानकारों का कहना है कि कम से कम 12 म्यूचुअल फंड कंपनियों का निवेश आइएलएंडएफएस के ऋण प्रपत्रों यानी डेट सिक्योरिटीज में था। यह निवेश तकरीबन 2800 करोड़ रुपये का था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन कंपनियों ने अपना कितना निवेश इसमें से निकाल लिया है। इसलिए माना जा रहा है कि अभी कुछ दिन म्यूचुअल फंड कंपनियां यह क्रम जारी रख सकती हैं।
माना जा रहा है कि म्यूचुअल फंड कंपनियों का आइएलएंडएफएस की करीब सात सहायक कंपनियों में निवेश है। इसलिए इन म्यूचुअल फंड कंपनियों के डेट फंड का रिटर्न प्रभावित होगा जिसके चलते अंतत: निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे उबरने के लिए म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अपने और अपने निवेशकों के जोखिम को कम करने के लिए यहां से निवेश निकाल अधिक सुरक्षित और बेहतर रेटिंग वाले बांडों में लगाना शुरू कर दिया है।
उधर, अगले सप्ताह अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि पर फैसला ले सकता है। उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका में ब्याज दरों में 0.25 फीसद और वृद्धि हो सकती है। हालांकि घरेलू शेयर बाजार इसे संभावित मान रहा है बावजूद इसके ब्याज दरें बढ़ने के बाद विदेशी निवेशकों की तरफ से निवेश निकालने का क्रम बना रह सकता है जो अंतत: डॉलर व रुपये के एक्सचेंज रेट को भी प्रभावित करेगा।