Move to Jagran APP

देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों को साथ आना होगा: नीति आयोग

भारत को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों को अपनी नितियों में संरचनात्मक बदलव कर के आर्थिक वृद्धि तेज करने की बड़ी भूमिका निभानी होगी।

By NiteshEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 05:57 PM (IST)
देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों को साथ आना होगा: नीति आयोग
देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों को साथ आना होगा: नीति आयोग

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों को अपनी नितियों में संरचनात्मक बदलव कर के आर्थिक वृद्धि तेज करने की बड़ी भूमिका निभानी होगी। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शनिवार को ये बातें कहीं. उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कांत ने कहा कि राज्यों को साथ मिलकर काम करना होगा और एक दूसरे से सीखना होगा, तब जाकर भारत का तेजी से विकास हो सकेगा।

loksabha election banner

कांत ने कहा कि वर्ष 2024 तक भारत को पांच हजार अरब और 2030 तक 10,000 अरब की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। हाल के दिनों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जिन बातों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमारी चुनौती वास्तव में यह है कि भारत के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना तब तक संभव नहीं होगा जब तक कि राज्यों के पास अपनी जीडीपी को दोगुना और तिगुना करने का लक्ष्य नहीं होगा। और इसके लिए उन्हें बड़े संरचनात्मक सुधार करने होंगे और इन सुधारों को व्यापक रूप से विभिन्न क्षेत्रों में करना होगा।'

उन्होंने कहा कि कृषि और श्रम जैसे क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है। भारतीय अर्थव्यवस्था अभी अनुमानित 2,700 अरब डॉलर की है। केंद्र सरकार ने अगले कुछ वर्षों में भारत को पांच हजार अरब की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कई उपायों और पहल की घोषणा की है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.