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विदेशी कंपनियों को भारत लाने में मिलने लगा राज्यों का सहयोग, 15 राज्यों ने श्रम कानून में किए सुधार

औद्योगिक संगठन सीआइआइ के साथ कार्यक्रम में गोयल ने टायर की तरह कई अन्य उत्पादों के आयात पर पूरी तरह से रोक के संकेत दिए।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 10:10 AM (IST)
विदेशी कंपनियों को भारत लाने में मिलने लगा राज्यों का सहयोग, 15 राज्यों ने श्रम कानून में किए सुधार
विदेशी कंपनियों को भारत लाने में मिलने लगा राज्यों का सहयोग, 15 राज्यों ने श्रम कानून में किए सुधार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चीन से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ रही विदेशी कंपनियों को भारत लाने के अभियान में राज्यों का सहयोग मिलने लगा है। इस दिशा में 15 से अधिक राज्यों ने अपने-अपने राज्यों के श्रम कानून में सुधार किए हैं। राज्य मैन्यूफैक्चरिंग पार्क लगाने में भी गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वहां की सरकारें सिंगल विंडो विकसित करने के साथ कई साहसिक कदम उठा रही हैं। राज्यों के सहयोग के बिना चीन में काम कर रही विदेशी कंपनियों को भारत लाना संभव नहीं होगा। विदेशी कंपनियां राज्य में ही अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएंगी, जहां निवेशकों को राज्यों के नियम कानून के मुताबिक चलना होता है।

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग को आकर्षित करने के लिए देश के 15-17 राज्यों ने अपने-अपने श्रम कानून में सुधार किए हैं। इन सुधारों को जल्द ही सार्वजनिक कर दिया जाएगा। श्रम सुधार को लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, उड़ीसा, महाराष्ट्र एवं गोवा जैसे राज्य पहले ही इस दिशा में पहल कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक इन राज्यों के अलावा हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व राजस्थान भी श्रम कानून सुधार करने वालों की सूची में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार में नई औद्योगिक नीति आ रही है। वहां भी श्रम कानून में बदलाव लाया जा सकता है।

गोयल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने दवा निर्माण से जुड़े एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रिडिएंट्स (एपीआइ) के उत्पादन के लिए एपीआइ पार्क विकसित करने का प्रस्ताव रखा है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इस प्रकार की मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर पहले से ही दिलचस्पी दिखा रहे है।

बाहर से आने वाले खराब माल को रोकने की तैयारी

गोयल ने चीन की ओर इशारा करते हुए बताया कि बाहर से आने वाले खराब उत्पाद को भी रोकने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निम्न स्तरीय और खराब गुणवत्ता वाले जो माल आ रहे हैं, उन्हें रोका जाएगा। वहीं, अपने देश में भी एमएसएमई के उत्पाद की गुणवत्ता को बेहतर करने का काम किया जाएगा। इस दिशा में मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

कई आइटम के आयात पर लग सकती है पूरी रोक

औद्योगिक संगठन सीआइआइ के साथ कार्यक्रम में गोयल ने टायर की तरह कई अन्य उत्पादों के आयात पर पूरी तरह से रोक के संकेत दिए। इनमें मुख्य रूप से इलेक्टि्रक व्हीकल्स से जुड़े उत्पाद, केमिकल उत्पाद, खिलौना उत्पाद, ऑटो पा‌र्ट्स, स्पो‌र्ट्स उत्पाद, सोलर उत्पाद शामिल हैं। इन उत्पादों को प्रतिबंधित सूची में रखने से इनके आयात पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। इससे मुख्य रूप से चीन प्रभावित होगा क्योंकि इन सभी आइटम के आयात मुख्य रूप से चीन से होते हैं। हाल ही में चीन से टायर आयात को रोकने के लिए सरकार ने सभी प्रकार के टायर के आयात को प्रतिबंधित सूची में रख दिया।


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