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जल्द ही आधे दर्जन सेक्टर्स को मिल सकता है पीएलआइ का लाभ, वित्त मंत्रालय एक और राहत पैकेज की तैयारी में जुटा

मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही कुछ और सेक्टर को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव देने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक ऑटोमोबाइल्स टेक्सटाइल व अपैरल फूड प्रोसेसिंग केमिकल्स फर्नीचर खिलौना टेलीकॉम लेदर-लेदर उत्पाद कैपिटल गुड्स डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग जैसे सेक्टर को पीएलआइ स्कीम से जोड़ा जा सकता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:44 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 12:25 PM (IST)
जल्द ही आधे दर्जन सेक्टर्स को मिल सकता है पीएलआइ का लाभ, वित्त मंत्रालय एक और राहत पैकेज की तैयारी में जुटा
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही कुछ और सेक्टर को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) देने जा रही है। वहीं, अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय एक और राहत पैकेज की भी तैयारी कर रहा है। बुधवार को उद्यमियों के साथ वर्चुअल बैठक में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के सचिव तरुण बजाज ने बताया कि सरकार ने मोबाइल फोन और फार्मा मैन्यूफैक्चरिंग को पीएलआइ का लाभ दिया है।

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उन्होंने कहा कि 7-8 और सेक्टर को जल्द ही पीएलआइ का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएलआइ सीधे तौर पर उत्पादन से जु़ड़ा है और इस स्कीम का लाभ उत्पादित वस्तुओं की बिक्री पर ही मिलेगा। बजाज ने कहा कि दुनिया में मांग निकल रही है और भारत में मैन्यूफैक्चरिंग करके दुनिया के साथ भारत के बाजार में वस्तुओं की बिक्री की जा सकती है। इसलिए सभी सनराइजिंग सेक्टर को पीएलआइ स्कीम में कवर किया जाएगा।

हालांकि, बजाज ने सेक्टर के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल व अपैरल, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल्स, फर्नीचर, खिलौना, टेलीकॉम, लेदर व लेदर उत्पाद, कैपिटल गुड्स, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग जैसे सेक्टर को पीएलआइ स्कीम से जोड़ा जा सकता है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी कई प्रमुख सेक्टर को पीएलआइ स्कीम से जोड़ने का संकेत कई बार दे चुके हैं।

औद्योगिक संगठन सीआइआइ से जुड़े उद्यमियों के साथ बैठक में बजाज ने यह भी कहा कि मंत्रालय राहत पैकेज की भी तैयारी कर रहा है। सभी मंत्रालयों से इस मामले में सुझाव मांगे जा रहे हैं। दो दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एक और राहत पैकेज के लिए सरकार के विकल्प अभी खुले हुए हैं।

3 लाख करोड़ लोन की बची राशि से बड़ी कंपनियों को मिल सकता है लोन

बैठक में सीआइआइ की तरफ से यह सुझाव दिया गया कि एमएसएमई को आगामी 31 अक्टूबर तक जो 3 लाख करोड़ रुपए के लोन दिए जाने हैं, उनमें से अब तक 60-65 फीसद राशि का ही भुगतान हो पाया है। ऐसे में इस राशि को कारपोरेट के लोन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई को पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले 3 लाख करोड़ के लोन देने की घोषणा की गई थी।

सीआइआइ के सुझाव पर बजाज ने बताया कि इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोन पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाला है, इसलिए हम इसका पूरा इस्तेमाल करेंगे। सूत्रों के मुताबिक 31 अक्टूबर के बाद 3 लाख करोड़ से जो राशि बच जाएगी उसे कारपोरेट को लोन के रूप में दिए जा सकते हैं। फिलहाल यह लोन सिर्फ एमएसएमई के लिए है।


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