Move to Jagran APP

थोड़ा ही सही, इस वर्ष भी सकारात्मक विकास की गुंजाइश; बैंकों के पूंजीकरण पर सरकार को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत : रंगराजन

C Rangarajan के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भी मामूली सही लेकिन जीडीपी विकास दर (GDP Growth Rate) सकारात्मक रहने की गुंजाइश अभी खत्म नहीं हुई है।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 09:54 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 05:40 PM (IST)
थोड़ा ही सही, इस वर्ष भी सकारात्मक विकास की गुंजाइश; बैंकों के पूंजीकरण पर सरकार को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत : रंगराजन
थोड़ा ही सही, इस वर्ष भी सकारात्मक विकास की गुंजाइश; बैंकों के पूंजीकरण पर सरकार को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत : रंगराजन

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना के चलते खराब आर्थिक परिदृश्य सामने आने के बावजूद देश के आर्थिक विकास को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने सकारात्मक रुख जाहिर किया है। उनके मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भी मामूली सही, लेकिन जीडीपी विकास दर (GDP Growth Rate) सकारात्मक रहने की गुंजाइश अभी खत्म नहीं हुई है। उनका कहना है कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की पहली तिमाही के खराब आंकड़े दिखने के बावजूद आगे की तिमाहियों में कई सेक्टर से अच्छे परिणाम आने की संभावना बरकरार है। इनमें कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के अलावा लोक प्रशासन और रक्षा सेवा सेक्टर शामिल हैं। आर्थिक मोर्चे पर अच्छे प्रदर्शन के लिए रंगराजन ने बैंकों के पूंजीकरण और खराब कर्ज से निपटने पर सरकार को सबसे अधिक जोर देने की सलाह दी है।

loksabha election banner

ईवाई इंडिया के चीफ पॉलिसी एडवाइजर डीके श्रीवास्तव के साथ मिलकर लिखे एक शोधपत्र में उन्होंने ऐसे संकेत दिए हैं कि कहीं न कहीं भारतीय अर्थव्यवस्था की नकारात्मक तस्वीर पेश की जा रही है। शोधपत्र में चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी को लेकर अब तक पेश आंकड़ों से उत्पन्न भ्रम की स्थिति की ओर भी ध्यान खींचा गया है। विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में जहां 3.2 फीसद के सिकुड़न की बात कही। वहीं भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने इस सिकुड़न का अनुमान 6.8 फीसद लगाया है। अप्रैल-जून, 2020 की तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की कमी दिखी। 

हालांकि इसके बावजूद रंगराजन भविष्य में अच्छे नतीजे को लेकर आशान्वित हैं। पेपर के जरिये अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण देशभर में लॉकडाउन के बाद भी कृषि, आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं से जुड़ी आर्थिक गतिविधियां पूरी क्षमता से चलीं। यही नहीं, कई देशों की भू-राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए भी भारत में दुनियाभर से निवेश आने की पूरी गुंजाइश दिख रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.