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सुस्ती के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: जावडेकर

उनका कहना है कि फिलहाल ऐसे संकेत नहीं है जिससे यह उम्मीद की जा सके कि 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को इस स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 11:02 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 11:02 AM (IST)
सुस्ती के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: जावडेकर
सुस्ती के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: जावडेकर

मुंबई, पीटीआइ। आर्थिक सुस्ती का माहौल पूरी दुनिया में बना हुआ है। इसके बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई विकासशील अर्थव्यवस्था है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शनिवार को यह बात कही। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले जावडेकर ने कहा कि भाजपा सरकार के प्रदर्शन पर चर्चा कर रही थी, लेकिन विपक्ष मुद्दाविहीन और निराश है। विपक्ष के कई नेताओं ने पहले ही हार मानकर प्रचार अभियान रोक दिया था और अपना खर्च कम करने लगे थे। महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।

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आर्थिक सुस्ती के दौर में राष्ट्रवाद पर केंद्रित चुनाव प्रचार के सवाल पर जावडेकर ने कहा, ‘चीन की विकास दर 11 फीसद से छह फीसद पर आ गई है। यूरोप और अमेरिका में भी ऐसे ही हालात हैं। भारत इस स्थिति में भी सबसे तेजी से बढ़ती हुई विकासशील अर्थव्यवस्था है। यही तथ्य है।’ एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि देश में बैंक बंद नहीं हुए हैं और ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। हां, मैन्यूफैक्चरिंग एवं निर्यात क्षेत्र में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन उनसे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए गए हैं। यह ऐसी सरकार है, जो फैसले लेती है, हाथ पर हाथ धरे बैठी नहीं रहती है।’

2024 तक भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संदेह पर भी जावडेकर ने सवाल उठाया। जावडेकर ने कहा कि पिछले सात साल में भारत की आर्थिक विकास दर सात फीसद से ज्यादा रही है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की यह सोच हो सकती है कि अभी नतीजे बेहतर नहीं हैं, तो आगे भी नहीं होंगे। हम ऐसा नहीं सोचते। हम मनमोहन सिंह की बातों से सहमत नहीं हैं।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब अर्थव्यवस्था की हालत निराशाजनक थी।

प्रधानमंत्री के बजाय वित्त मंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह ज्यादा प्रभावी थे। उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह ने कहा था कि पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए देश को 10-12 फीसद की विकास दर की जरूरत होगी। उनका कहना है कि फिलहाल ऐसे संकेत नहीं है, जिससे यह उम्मीद की जा सके कि 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को इस स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। 


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