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खुदरा निवेशकों के लिए SIP के जरिये निवेश है बेहतर विकल्प, Mahindra Manulife Mutual Fund के CEO ने दी सलाह

महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड के सीईओ आशुतोष बिश्‍नोई ने कहा कि SIP का ये खास नियम है कि जब मार्केट नीचे हो तो इसमें निवेश निश्चित रूप से जारी रखा जाना चाहिए।

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 07:36 AM (IST)
खुदरा निवेशकों के लिए SIP के जरिये निवेश है बेहतर विकल्प, Mahindra Manulife Mutual Fund के CEO ने दी सलाह
खुदरा निवेशकों के लिए SIP के जरिये निवेश है बेहतर विकल्प, Mahindra Manulife Mutual Fund के CEO ने दी सलाह

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Debt Fund से जुड़े जोखिम और बैंकों के एफडी रेट में आई उल्लेखनीय कमी को देखते हुए Mahindra Manulife Mutual Fund ने एक नया Arbritage Yojana लांच किया है। Mahindra Manulife Mutual Fund के चीफ एक्‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर (CEO) आशुतोष बिश्‍नोई ने बताया कि यह नया Mutual Fund प्लान निवेशकों को कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेश का एक माध्यम उपलब्ध कराता है। उन्होंने आने वाले समय में अर्थव्यवस्था एवं बाजार की दिशा को लेकर सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि दुनियाभर के विभिन्न देशों की सरकारों ने अपनी इकोनॉमी को लेकर जिस तरह का समर्थन दिखाया है, उससे आर्थिक व्यवस्था के ऊपर उठने की संभावना नजर आती है। उन्होंने गृहणी, नई नौकरी में आए लोगों और छोटे खुदरा निवेशकों को SIP के जरिए निवेश की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त नई SIP शुरू करने के लिहाज से सबसे उपयुक्त है।

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पेश है #NayaBharat सीरीज के तहत Mahindra Manulife के चीफ एक्‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर आशुतोष बिश्‍नोई से Pratyush Ranjan (Senior Editor, Jagran New Media) से बातचीत के संपादित अंश:

सवालः पोस्ट-कोविड दौर में आपके हिसाब से Mutual Fund इंडस्ट्री में किस तरह की चुनौतियां हैं?

उत्तरः Mutual Fund का कारोबार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कारोबार के लिहाज से देखें तो कोविड का इस पर बहुत अधिक असर देखने को नहीं मिला है। यह जरूर हुआ कि लोगों के फंड खरीदने के पैटर्न में बदलाव हुआ है। लोग इस समय फिक्स्ड इनकम या Debt Funds में निवेश को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। हालांकि, हमारे बिजनेस पर दो तरह के प्रभाव जरूर देखने को मिलते हैं। एक तो शेयर बाजार के मूल्यांकन (M-Cap) के नीचे आने से एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में कमी आती है। हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि हमें जो पैसा दिया गया था उसमें कोई कमी हुई है। हालांकि, एक बात हमने देखी है कि लोगों ने अपना विश्वास सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) में बनाया रखा है। इसका मतलब है कि लोगों को बिल्कुल सही सलाह मिल रही है। SIP का ये खास नियम है कि जब मार्केट नीचे हो तो SIP में निवेश को जरूर जारी रखिए क्योंकि यही तो वह वक्त है जब आपको आपका इंवेस्टमेंट सस्ते में मिल रहा है। इसी संदर्भ में यह देखने को मिला है कि मार्च महीने में जिन लोगों ने मौका देखकर एकमुश्त राशि लगायी थी, उनमें से कुछ ने हाल में पैसा निकाल लिया है क्योंकि उन्हें करीब पांच महीने में 20-25 फीसद का फायदा मिला है। लोगों ने इस बार काफी बुद्धिमता का परिचय दिया है।

सवालः इस तरह की रिपोर्ट्स आई हैं कि जुलाई में लोगों ने इक्विटी फंड्स से जबरदस्त निकासी की है। आप इसे अवसर के तौर पर कैसे देखते हैं?

उत्तरः कुल मिलाकर असर जीरो है क्योंकि जो लोग इक्विटी से निकले हैं, वे डेट में वापस आए हैं। खुद हमारे फंड के साथ भी ऐसा हुआ है। लोगों ने इक्विटी से पैसा बनाने के बाद Short Duration Debt Funds में वापस से निवेश किया है। हमारे साथ यह बहुत हुआ है और हम और फंड्स के साथ भी ऐसा देख रहे हैं। ये निवेशकों की परिपक्वता है। कुल-मिलाकर भगदड़ की स्थिति नहीं है।

सवालः Mutual Fund इंडस्ट्री में कई सारी कंपनियां हैं। ऐसे में Mahindra Manulife Mutual Fund अन्य कंपनियों से कैसे अलग है। आपकी वो कौन सी योजनाएं हैं, जो शायद निवेशकों को अन्य के मुकाबले बेहतर नजर आती है।

उत्तरः हमने ये बिजनेस इसलिए शुरू किया था क्योंकि महिंद्रा ग्रुप का ये विश्वास है कि भारत की आर्थिक व्यवस्था शहर नंबर 20 या 30 से शहर नंबर 1,000 तक में रहते हैं। इन शहरों में रहने वाले लोग ही मुख्य रूप से आर्थिक गतिविधियां करते हैं। इसीलिए महिंद्रा समूह का कारोबार मुख्य रूप से इन्हीं शहरों में रहा है। हमने यह बिजनेस इस सोच के साथ शुरू किया था कि छोटे शहरों में, छोटे निवेशकों को Mutual Fund में निवेश का अवसर मिलना चाहिए। हमारा शुरू से ऐसा मानना था कि प्रोडक्ट का नाम इस प्रकार रखना चाहिए कि लोगों की समझ में तो आए। इसी कड़ी में हमने अपनी ELSS स्कीम को कर बचत योजना कहा। इससे लोगों को यह लगेगा कि इस योजना में निवेश से शायद कर की बचत होगी। हमनें ऐसे ही अपनी योजनाओं का नामकरण हिन्दी और हिन्दी के साथ अंग्रेजी के मिक्स के साथ किया है। हमने यह खास ध्यान रखा है कि हम हाई क्वालिटी सिक्योरिटीज में निवेश करें ताकि भले ही लोगों का पैसा दो-तीन साल में दोगुना ना हो लेकिन क्षति का अनुभव कम हो। इसी सोच के साथ हम नया प्लान लांच करने जा रहे हैं। हम हमेशा छोटे शहरों के निवेशकों को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट लाते हैं।

प्रश्नः ऐसा देखा गया है कि निवेशकों की दिलचस्पी Debt Funds में घटती है, ऐसे में जो निवेशक Debt Fund के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए आपकी क्या सलाह है?

उत्तरः मार्केट में हादसे होते रहते हैं। Debt Funds के हादसे कोरोनावायरस महामारी से जुड़े ही नहीं हैं। कोरोनावायरस महामारी की वजह से Debt Fund मार्केट में कोई हादसा नहीं हुआ है। स्थिति काफी नियंत्रण में है। रेगुलेटर Sebi भी इस पर पूरी तरह से नजर रखे हुए है। हालांकि, Debt Funds के हादसे पुराने हैं। करीब ढाई-तीन साल पहले यह क्रम शुरू हुआ था। कई सारी कंपनियों ने डेट में डिफॉल्ट किया था। इसके बाद लोगों में डर पैदा हो गया है कि Debt Fund गलत चीज है। लेकिन अगर Debt Fund में सही तरह से निवेश किया जाए और फंड मैनेजर क्वालिटी पर ध्यान रखे तो इससे बहुत अच्छा रिटर्न प्राप्त हो सकता है। आगे चलते हुए भी Debt Fund आकर्षक बने रहेंगे। शॉर्ट टर्म Debt Fund में सबसे ज्यादा पैसा बन रहा है।

प्रश्नः भारत जैसे बड़े देश में अब भी कई लोग बैंक और पोस्ट ऑफिस जैसे पारंपरिक निवेश के रास्ते को चुनते हैं। पारंपरिक निवेशकों को Mutual Fund में लाने के लिए आपके पास क्या योजना है?

उत्तरः हमारी पहुंच ऐसे बाजारों तक है, जहां बहुत कम Mutual Funds पहुंचे हैं। हमने ज्यादातर यही देखा है कि छोटे शहरों में लोग जमीन और सोने में काफी निवेश करते हैं। ऐसे लोगों को यह बात समझाने की जरूरत है कि अगर वे गोल्ड में इंवेस्ट करना भी चाहते हैं तो गोल्ड का कोई फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट खरीद लें। नहीं कुछ समझ आए तो सरकार के सॉवरेन गोल्ड स्कीम में निवेश करें क्योंकि इसमें जो फायदे हैं, वो सोना खरीदने में नहीं मिलेंगे। लोगों को फंड के बारे में भी अगर ठीक से समझाया जाए तो वे बात को बहुत आसानी से समझ लेते हैं।

प्रश्नः Mahindra Manulife Arbritage Yojana की शुरुआत भी बुधवार को हुई है। उसके बारे में आप कुछ बताएं।

उत्तरः हमने देखा कि आजकल बहुत से लोग इस दुविधा में हैं कि पैसों का निवेश कहां पर करें जहां रिस्क ना हो और ठीक-ठाक रिटर्न भी मिल जाए क्योंकि एफडी पर ब्याज की दर काफी कम हो गई है। जैसा कि आपने बताया कि कुछ लोगों का विश्वास Debt Fund में उतना अधिक नहीं होता है। ये सोचकर हमने Arbritage Yojana लांच किया है। हमने लंबे समय में यह देखा है कि ये Debt Fund जितना ही रिटर्न देता है। पिछले साल भर में Arbritage Yojana ने 6-6.5 फीसद का रिटर्न दिया है। यह फंड ऐसे खुदरा निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो इस दुविधा में हैं कि कम रिस्क के साथ अच्छे रिटर्न प्राप्त करने के लिए वे पैसा कहां लगाएं।

प्रश्नः कोरोना संकट के बाद बाजार की स्थिति बेहतर होने में कितना समय लग सकता है?

उत्तरः मेरे ख्याल से बाजार और आर्थिक व्यवस्था दो अलग-अलग चीजें हैं। बाजार को यह लग गया है कि अर्थव्यवस्था यहां से ऊपर ही उठेगी। ये साफ नजर आ रहा है क्योंकि बाजार उठता जा रहा है। पूरी दुनिया के बाजार में यह समझ विकसित हुई है कि हर देश की सरकार अपनी इकोनॉमी को पूरा सपोर्ट करने के लिए तैयार है। आर्थिक संकेतक इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाला समय बेहतर होगा। मार्केट तो वहां बैठा है कि इसके आगे और सपोर्ट सुनने को मिलेगा तो यह और तेजी से दौड़ने के लिए तैयार है।

प्रश्नः हाउसवाइफ, नई नौकरी में आए व्यक्ति और छोटे शहरों के कारोबारी को Mutual Fund में निवेश को लेकर आप क्या टिप्स देना चाहेंगे?

उत्तरः ऐसे अधिकतर लोगों के लिए निवेश का सबसे बढ़िया विकल्प SIP है। मैं नहीं समझता कि पिछले तीन साल में इससे बेहतर वक्त होगा SIP शुरू करने का। अब अगर आप SIP शुरू करेंगे तो आपको ये समस्या नहीं होगी कि मार्केट बहुत ऊंचा है और हमने खरीद लिया और आगे चलकर इसमें गिरावट होगी तो वैल्यू कम होगी। आज के समय में आपके लिए एक औसत मूल्य तैयार होगा। गृहणी और नई नौकरी में आए लोगों के लिए SIP बेहतर विकल्प है। वहीं, छोटे कारोबारियों को किसी छोटी अवधि के फंड (Low Duration Fund) में पैसा डालना चाहिए।  


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