Economic Survey: आर्थिक समीक्षा एक खंड में आने की संभावना, 9% रह सकता है वृद्धि दर अनुमान
वित्त मंत्रालय साल 2021-22 की आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) को एक खंड में जारी कर सकता है जिसमें अगले वित्त वर्ष (2022-23) के लिए लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान (Projected Growth Rate) जताया जा सकता है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्रालय साल 2021-22 की आर्थिक समीक्षा (इकनॉमिक सर्वे) को एक खंड में जारी कर सकता है, जिसमें अगले वित्त वर्ष (2022-23) के लिए लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया जा सकता है। केंद्रीय बजट से पहले वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाने वाला सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की अनुपस्थिति में प्रधान आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारियों द्वारा तैयार किया जा रहा है। यह परंपरागत रूप से सीईए की अगुवाई में तैयार किया जाता है।
हालांकि, जुलाई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा को वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार इला पटनायक ने तैयार किया था और इसे तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में पेश किया था। उस समय भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में रघुराम राजन की नियुक्ति के बाद सीईए का पद खाली था। बाद में, अरविंद सुब्रमण्यम अक्टूबर 2014 में सीईए नियुक्त हुए।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमानों के मुताबिक, अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो रिजर्व बैंक द्वारा अनुमानित 9.5 प्रतिशत वृद्धि दर से कम है। COVID-19 के प्रकोप और उसके बाद वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई।
चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था पर वायरस का प्रभाव तुलनात्मक रूप से कम था क्योंकि लॉकडाउन स्थानीय थे और इससे आर्थिक गतिविधियों में बड़े पैमाने पर व्यवधान नहीं हुआ। विशेषज्ञों ने आधार प्रभाव का हवाला देते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए समीक्षा में लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया जा सकता है।
विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है।
Edited By Lakshya Kumar